BHU में हंगामा : उर्दू दिवस के लिए छपवाए गए आमंत्रण पत्र पर महामना की जगह अल्लामा इकबाल की तस्वीर छाप दी

Varanasi News: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय यानी बीएचयू में उर्दू दिवस के लिए छपवाए गए आमंत्रण पत्र पर महामना मदन मालवीय मालवीय की जगह अल्लामा इकबाल की तस्वीर छाप दी गई, जिससे छात्र आक्रोशित हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 9, 2021 3:14 PM

Varanasi News : महामना मदन मोहन मालवीय की तपोभूमि काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में उर्दू दिवस पर आयोजित वेबिनार के लिए छपवाए गए आमंत्रण पत्र पर महामना की तस्वीर की जगह पर अल्लामा इकबाल की तस्वीर लगने से बीएचयू के छात्र नाराज हो गए हैं. वे इस पर हंगामा कर रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए आर्ट्स विभाग के डीन विजय बहादुर सिंह ने खेद जताया है. साथ ही, मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

आर्ट्स विभाग के डीन विजय बहादुर सिंह ने खेद जताते हुए कहा कि उर्दू विभाग के अध्यक्ष आफताब अहमद को इस पूरे मामले में जवाब देने और जांच कमेटी के सामने पेश होने का फरमान सुनाया गया है. गौरतलब है कि बीएचयू के उर्दू विभाग ने एक वेबिनार कार्यक्रम कराने के लिए आमंत्रण पत्र छपवाया था. इस आमंत्रण पत्र पर महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की फ़ोटो की जगह अल्लामा इकबाल की फ़ोटो लगाई गई थी.

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Bhu में हंगामा : उर्दू दिवस के लिए छपवाए गए आमंत्रण पत्र पर महामना की जगह अल्लामा इकबाल की तस्वीर छाप दी 4

मंगलवार को इस बात की जानकारी होते ही बीएचयू के छात्र आक्रोशित हो गए. वे महामना की बगिया में होने वाले कार्यक्रम में महामना की जगह किसी और की फ़ोटो के इस्तेमाल पर सवाल उठाने लगे. उन्होंने कहा कि ये महामना का अपमान है. इस पूरे मामले की जानकारी आर्ट फैकल्टी के डीन डॉक्टर विजय बहादुर सिंह को हुई तो उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए उर्दू विभाग के अध्यक्ष से जवाब सवाल किया.

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डीन डॉक्टर विजय बहादुर सिंह ने बताया कि आफताब अहमद ने इसे एक भूल माना है और गलती होने पर खेद प्रकट किया है और सभी से मांफी मांगी है. बीएचयू डीन ने इस पूरे मामले में जांच समिति के सामने पेश हो कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.

इसी क्रम में शोधछात्र पतंजलि पांडे ने बताया कि इससे पहले भी भूगोल विभाग की महिला प्रोफेसर ने भारत के नक्शे को गलत दिखाया था. उर्दू विभाग ऐसी सोच में चार कदम आगे चला गया है. उर्दू विभाग के किसी कार्यक्रम में कुलगीत भी नहीं गाया जाता है. उर्दू दिवस के कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र पर महामना की तस्वीर न लगाना सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया है. उन्होंने कहा कि बीएचयू के उर्दू विभाग में जिन्नावादी विचारधारा लगातार हावी होती जा रही है.

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रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी

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