काशी पंचकोसी यात्रा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देगी योगी सरकार, श्रद्धालुओं को मिलेगी कई सुविधाएं
स्थलों का सौंदर्यीकरण करके रोजगार और विकास के लिए नए अवसर उपलब्ध कराने का प्लेटफार्म बनाया जाएगा. इससे यात्रियों और व्यापारियों को भी काफी मदद मिलेगी.
Varanasi Panchkosi Update: शिव की नगरी काशी में सौंदर्यीकरण का दौर जारी है. काशी के कायाकल्प करने में शासन-प्रशासन दोनों जमीनी स्तर पर जुटी है. काशी विश्वनाथ मंदिर और घाटों के बाद पंचकोसी मार्ग के कायाकल्प की बारी है. 70 किलोमीटर लंबे पंचकोसी मार्ग को लेकर नई विकास परियोजना तैयार की गई है. करीब 70 किमी की पंचकोसी यात्रा को श्रद्धालु नंगे पांव करते हैं.
काशी में पंचकोसी यात्रा के पांच पड़ाव (कंदवा, भीमचंडी, रामेश्वर, पांचों पांडव, कपिलधारा) हैं. पांच दिन की यात्रा में एक-एक रात्रि विश्राम का विधान है. इसके अलावा धार्मिक मार्ग पर मंदिर, कुंड, तालाब और यात्री निवास स्थल हैं. इन स्थलों का सौंदर्यीकरण करके रोजगार और विकास के लिए नए अवसर उपलब्ध कराने का प्लेटफार्म बनाया जाएगा. इससे यात्रियों और व्यापारियों को भी काफी मदद मिलेगी.
पंचकोसी परिक्रमा में सभी धार्मिक स्थल दाईं तरफ हैं. सनातन धर्म में काशी के ज्योतिर्लिंगाकार परिक्रमा पथ (पंचकोसी यात्रा) की विशेष मान्यता है. राज्य सरकार काशी की पंचकोसी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए मंदिरों, कुंडों और यात्री निवास का सौंदर्यीकरण कराने जा रही है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सालोंभर कई आयोजनों की भी योजना बना रही है. लगभग 70 किलोमीटर के पंचकोसी मार्ग के विकास से रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर उपलब्ध भी होंगे.
पंचकोसी यात्रा के दौरान 108 मुख्य मंदिर, 44 धर्मशाला (यात्री आश्रय या रात्रि विश्राम स्थल) और कुंड पड़ते हैं. इन सभी स्थानों का नवीनीकरण किया जाएगा. खुले स्थानों और उद्यानों में लैंड-स्केपिंग बनेगा. तीर्थयात्रियों के लिए बैठने साथ आश्रय स्थल विकसित की जाएगी. पंचकोसी रूट में श्रद्धालुओं के लिए साइनेज लगाया जाएगा. जिससे सही मार्ग पहचानने के साथ उनसे जुड़ी पूरी जानकारी मिल सके. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को वाराणसी आते ही पंचकोसी मार्ग की जानकारी रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप समेत अन्य जगह पर मिलेगी. इसके लिए टोल फ्री नंबर भी बनाने का प्लान है.
पंचकोसी यात्रा पथ योजना के तहत उच्च स्थापत्य और पुरातात्विक मूल्य वाले सभी मंदिरों के संरक्षण की पहल होगी. पंचकोसी यात्रा के लिए विरासत प्रबंधन योजना तैयार होगी और पैदल यात्रा के मार्ग का विकास होगा. यह प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा होगा. प्रोजेक्ट की लागत 55.93 करोड़ रुपए है. पहले में 9.92 करोड़, दूसरे में 23.86 करोड़ और तीसरे चरण में 22.15 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
(रिपोर्ट:- विपिन सिंह, वाराणसी)
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