Varuthini Ekadashi Puja Vidhi, Samagri List: आज वरुथिनी एकादशी पर ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा, जरूरत पड़ेगी ये पूजन सामग्री, जानें व्रत विधि, व शुभ मुहूर्त के बारे में
Varuthini Ekadashi 2021, 07 May, Ekadashi Vrat Puja Samagri, Lord Vishnu Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Significance: आज यानी शुक्रवार, 07 मई 2021 को वरुथिनी एकादशी व्रत रखा जाना है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष यह व्रत वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है. ऐसे में भगवान विष्णु की पूजा के दौरान निम्नलिखित पूजन सामग्रियों की जरूरत पड़ सकती है. आइये जानते हैं वरुथिनी एकादशी के पूजा विधि, व्रत के नियम व शुभ मुहूर्त के बारे में...
Varuthini Ekadashi 2021, 07 May, Ekadashi Vrat Puja Samagri, Lord Vishnu Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Significance: कल यानी शुक्रवार, 07 मई 2021 को वरुथिनी एकादशी व्रत रखा जाना है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष यह व्रत वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है. ऐसे में भगवान विष्णु की पूजा के दौरान जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है, उन्हें आपको आज ही इकट्ठा कर लेना होगा. आइये जानते हैं वरुथिनी एकादशी के दौरान किन पूजन सामग्रियों की पड़ेगी जरूरत, क्या है पूजा विधि व शुभ मुहूर्त…
वरुथिनी एकादशी पूजन सामग्री
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मौली, रोली, तुलसी, धूप-बत्ती, कपूर, रूई, अग्निहोत्र भस्म, गोमूत्र, अबीर (गुलाल), अक्षत, अभ्रक, गुलाब जल, हल्दी, धान का लावा, इत्र, शीशा, पीली सरसों, मेहंदी, कच्चा सूत, बिल्वपत्र, मूंग की दाल, उड़द काले, गोला, पंचपल्लव, बंदनवार, सिंदूर, चंदन, पंचरत्न, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, पंचरंग, लाल-सफेद वस्त्र,
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पुष्प: फूल, माला, गुलाब की पंखुड़ियां, दूर्ब, आम के पत्ते,
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प्रसाद के तौर पर: पेड़ा, बताशा, ऋतुफल, केला, पान, सुपारी, केसर, गंगाजल, इलायची, पंजमेवा, नारियल,
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नवग्रह पूजा के लिए: चौकी, घंटा, शंख, कलश, गंगासागर, कटोरी, थाली, बाल्टी, कड़छी, प्रधान प्रतिमा, पंचपात्र, सुवर्ण शलाका, सिंहासन, छत्र, चंवर, आचमनी, अर्घा, तष्टा, अक्षत, जौ, घी, दियासलाई आदि.
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हवन सामग्री के लिए: यज्ञ के पात्र, समिधा आदि
वरुथिनी एकादशी पूजा विधि
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वरुथिनी एकादशी व्रत के दौरान प्रत्येक एकादशी की तरह पूजा करें
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज यानी दशमी तिथि से ही सात्विक भोजन ग्रहण करें
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एकादशी की सुबह जल्दी उठें, स्नानादि करें
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ऊँ सूर्याय नम: का मंत्र जाप करते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दें
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फिर व्रत का संकल्प लें.
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घर या मंदिर जाकर लक्ष्मीनारायण या भगवान विष्णु की पूजा करें.
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दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु का अभिषेक करना न भूलें
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इस दौरान ऊँ नमों भगवते वासुदेवाय नम: का मंत्र जाप करें.
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उन्हें चंदन, तिलक लगाकर, फुल, माला, धूप-दीप दिखाएं
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पांच प्रकार के फल व प्रसाद और तुलसीदल अर्पित करें.
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फिर एकादशी व्रत कथा पढ़ें
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भगवान विष्णु जी की आरती करें
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द्वादशी तिथि अर्थात 08 मई की सुबह विधिपूर्वक पूजन करके ब्राह्मणों या जरुरतमंदों को दान-दक्षिणा दें
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फिर पारण मुहूर्त में व्रत का पारण करके तोड़ें
वरुथिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
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एकादशी तिथि आरंभ: गुरुवार, 06 मई 2021, दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से
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एकादशी तिथि समाप्त: शुक्रवार, 07 मई 2021, शाम 03 बजकर 32 मिनट पर
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एकादशी व्रत पारण मुहूर्त आरंभ: शनिवार, 08 मई को सुबह 05 बजकर 35 मिनट से
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एकादशी व्रत पारण मुहूर्त समाप्त: शनिवार, 08 मई को सुबह 08 बजकर 16 मिनट तक
Posted By: Sumit Kumar Verma