Vat Savitri 2023: वट सावित्री को सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है जिसे विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है. द्रिक पंचांग के अनुसार वट सावित्री और शनि जयंती एक ही दिन यानी 19 मई 2023 को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पड़ रही है.
अमावस्या तिथि प्रारंभ – 18 मई 2023 – 09:42 PM
अमावस्या तिथि समाप्त – 19 मई 2023 – 09 बजकर 22 मिनट
हिंदू विवाहित महिलाओं के बीच वट सावित्री का बहुत महत्व माना गया है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और कल्याण के लिए इस शुभ दिन पर व्रत रखती हैं. वट सावित्री अमावस्या तिथि को पड़ती है इसलिए इसे वट अमावस्या के नाम से जाना जाता है. महिलाएं इन दिन वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा करते हैं. हिंदू शास्त्रों के अनुसार, वट वृक्ष को सबसे पवित्र वृक्षों में से एक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि हिंदू धर्म में तीन मुख्य देवता – भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा इसमें निवास करते हैं और यह वृक्ष एक दीर्घायु वृक्ष है और यही कारण है कि विवाहित महिलाएं इस वृक्ष की पूजा करती हैं.
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इस दिन महिलाएं जल्दी उठती हैं और स्नान करती हैं.
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पारंपरिक साड़ी और आभूषणों पहनती हैं.
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भोग प्रसाद के लिए सात्विक भोजन बनाएं, कच्छ सूत (पवित्र सफेद कच्चा धागा), जल से भरा कलश, हल्दी, कुमकुम और फूल
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जहां वट वृक्ष उपलब्ध हो वहां मंदिर जाएं, देसी घी का दीया जलाएं और भगवान को सब कुछ अर्पित करें. पति की सलामती की दुआ करें.
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पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें और उस सफेद कच्चे धागे को उसके चारों ओर बांध दें.
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महिलाएं भगवान से आशीर्वाद मांगती हैं और उन्हें परिवार के बुजुर्ग सदस्यों से आशीर्वाद लेना चाहिए.