औरंगाबाद नगर : जिले में आज शुक्रवार को वट सावित्री पूजा मनायी जायेगी. लॉकडाउन होने के बावजूद महिलाओं ने इसकी तैयारी कर ली है और पूरी आस्था व निष्ठा के साथ व्रत करते हुए पति की दीर्घायु की कामना करेंगी. इसको लेकर गुरुवार को बाजारों में खरीदारी करने के लिए महिलाओं की भीड़ अधिक दिखी. पंखा से लेकर पूजा सामग्रियों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ पूरे दिन लगी रही. मान्यता के अनुसार विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए व्रत करती हैं. वट सावित्री व्रत विशेष रूप से सौभाग्य प्राप्ति के लिए बड़ा व्रत माना जाता है. ये ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं सोलह शृंगार करके पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और बरगद की पूजा करती हैं. हालांकि लॉकडाउन की वजह से पारंपरिक तरीके से बरगद के पेड़ की पूजा कुछ प्रभावित हो सकती है लेकिन खास असर नहीं पड़ेगा. इस व्रत में नियमों का विशेष ख्याल रखना पड़ता है.
क्यों मनाया जाता है वट सावित्री व्रत
पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन ही सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प और श्रद्धा से यमराज द्वारा अपने मृत पति सत्यवान के प्राण वापस पाये थे. महिलाएं भी इसी संकल्प के साथ अपने पति की आयु और प्राण रक्षा के लिए व्रत रखकर पूरे विधि विधान से पूजा करती हैं. इस व्रत को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह रहता है. आखिर उत्साह हो भी तो क्यों नहीं, अपने सुहाग की रक्षा व लंबी उम्र के लिए जो यह व्रत होता है.लॉकडाउन में कैसे करें पूजाइस दिन वट (बरगद) के पूजन का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश और सावित्री भी वट वृक्ष में ही रहते हैं.
लंबी आयु, शक्ति और धार्मिक महत्व को ध्यान रखकर इस वृक्ष की पूजा की जाती है लेकिन इस बार यह पूजा अपने घरों में ही रहकर करने की मजबूरी है. हालांकि इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं पेड़ की पूजा विधिवत करेंगी.बाबा सिद्धनाथ मंदिर में नहीं होगी पूजाजम्होर थाना के उत्तर बाबा सिद्धनाथ मंदिर के प्रांगण में स्थित वटवृक्ष की पूजा-अर्चना इस बार नहीं होगी. कोरोना महामारी व लॉकडाउन के कारण पूजा प्रभावित रहेगी. हालांकि वटवृक्ष के समीप बैठने की व्यवस्था समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण धार्मिक स्थलों पर पूजा अर्चना करने पर रोक लगायी गयी है. इस कारण वटवृक्ष के पास भी पूजा अर्चना नहीं होगी. कोरोना की रोकथाम के लिए यह आवश्यक भी है कि सभी लोग अधिक से अधिक घरों में रहें और सुरक्षित रहें.