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Vat Savitri Vrat 2021 : हजारीबाग के बोचो पहाड़ी में सुहागिनों संग लंगूर का वट वृक्ष का परिक्रमा करना बना चर्चा का विषय, मांग कर खूब खाया प्रसाद, देखें Pics

Vat Savitri Vrat 2021 (हजारीबाग) : हजारीबाग जिला अंतर्गत सदर प्रखंड के बोचो पहाड़ी के नीचे स्थित वट वृक्ष में पूजा करती सुहागिनों के पास लंगूर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराया. साथ ही लंगूर ने सुहागिनों से प्रसाद मांग कर खाया. इस दृश्य को देख ग्रामीण हतप्रभ रह गये. लंगूर कभी वट वृक्ष पर, तो कभी वृक्ष के नीचे दिखा. सुहागिनों को वट वृक्ष का परिक्रमा करता देख लंगूर ने भी वट वृक्ष का परिक्रमा करने लगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2021 6:06 PM
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Vat Savitri Vrat 2021 (शंकर प्रसाद, हजारीबाग) : हजारीबाग जिला अंतर्गत सदर प्रखंड के बोचो पहाड़ी के नीचे स्थित वट वृक्ष में पूजा करती सुहागिनों के पास लंगूर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराया. साथ ही लंगूर ने सुहागिनों से प्रसाद मांग कर खाया. इस दृश्य को देख ग्रामीण हतप्रभ रह गये. लंगूर कभी वट वृक्ष पर, तो कभी वृक्ष के नीचे दिखा. सुहागिनों को वट वृक्ष का परिक्रमा करता देख लंगूर ने भी वट वृक्ष का परिक्रमा करने लगा.

Vat savitri vrat 2021 : हजारीबाग के बोचो पहाड़ी में सुहागिनों संग लंगूर का वट वृक्ष का परिक्रमा करना बना चर्चा का विषय, मांग कर खूब खाया प्रसाद, देखें pics 2
बोचो बभनबै पहाड़ी में दो दर्जन लंगूर

बोचो बभनबै पहाड़ी में लगभग दो दर्जन लंगूर अपना आशियाना बना रखा है. वन कर्मी आशीष प्रसाद ने बताया कि लंगूर के लिए इस पहाड़ का अनुकूल वातावरण है. पहाड़ के नीचे बसे ग्रामीण भी लंगूरों को छेड़ते नहीं हैं. जिसके कारण लंगूर इस पहाड़ को अपना आशियाना बना रखा है.

लंगूर राहगीरों को नहीं करते हैं परेशान

बोचो के ग्रामीणों ने बताया कि इस पहाड़ में रह रहे लंगूर अभी तक किसी राहगीर को परेशान नही करते हैं, बल्कि बाड़ी में लगे अमरूद, केला, पपीता, मटर, आम, मकई, सेम समेत अन्य फसल को खाते हैं.

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ग्रामीणों के अनुसार, आसपास के लोगों की गतिविधियों को लंगूर देखते हैं. लेकिन, किसी को नुकसान नही पहुंचाया है. ग्रामीण भी लंगूरों को फल, रोटी, भींगा चना खाने के लिए देते हैं. अब लंगूर भी लोगों से दोस्ताना रिश्ता बनाने लगा है.

हरा-भरा है बोचे बभनवै पहाड़ : डीएफओ

इधर, डीएफओ स्मिता पंकज की पहल और ग्रामीणों के सहयोग से बोचो बभनबै पहाड़ हरा-भरा हुआ है. इन कारणों से अब जंगली जानवरों का आगमन शुरू हुई है. पहाड़ से पेड़-पौधे काटने वालों पर ग्रामीण जुर्माना लगाते हैं. डीएफओ के निर्देश पर पौधों को समय-समय पर सिल्वी कल्चर कराया जाता है. देख-रेख के लिए दो वन कर्मी को प्रतिनियुक्त भी किया गया है.

Posted By : Samir Ranjan.

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