बिहार के सहरसा में सब्जियों के भाव मार्च महीने में ही आसमान चढ़ने से लोग हलकान हैं. सभी सब्जियों के भाव ऊंचाई के नये शिखर पर हैं. जबकि इस मौसम में सब्जियों के भाव थोड़े कम होने चाहिए, लेकिन ऊंचे भाव के कारण यह आम लोगों की पहुंच से बाहर है. जरूरत के हिसाब से किलो में सब्जी खरीदने वाले लोग महंगाई को देखते हुए पाव में सब्जी खरीदते देखे जा रहे हैं.
शहरी क्षेत्र में विभिन्न चौक-चौराहों पर सब्जियों के भाव अलग-अलग हैं. थोक बाजार में आवक के हिसाब से दाम तय किये जाते हैं. जिन सब्जियों की आवक अधिक होती है, उनके दाम थोड़े कम होते हैं. जबकि आवक कम होते ही उनके दाम फिर शिखर पर हो जाते हैं. इन दिनों सब्जियों के दाम आकाश पर चढ़े हुए हैं. उपभोक्ता परेशानी झेल रहे हैं.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भी सब्जियों के भाव में कोई गिरावट नहीं देखी जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों से सब्जी मंडियों में अधिक आवक नहीं होती है. बाहर के सब्जियों के भरोसे ही उपभोक्ता रहते हैं. जिसका लाभ उठाते हुए सब्जी विक्रेता सब्जियों को ताजा करने के लिए अलग-अलग रंगों का प्रयोग भी करते हैं. वासी सब्जियों का कारोबार भी बाजार में काफी फल-फूल रहा है.
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सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि नयी मौसमी सब्जियां किसानों के खेतों से कम आ रही है तो सामान्य सब्जी परवल, करैला, टमाटर, कटहल, कद्दू व पत्ता गोभी के भाव अब चढ़ने लगे हैं. उन्होंने बताया कि जब ग्रामीण क्षेत्रों से परवल, कद्दू, कटहल, करैला, खीरा आदि सब्जियां आने लगेगी तो फिर बाजार में इसकी कीमत घटेगी व लोगों को राहत मिल सकेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में परवल, भिंडी, करेली, कद्दू, कई तरह के पत्तेदार साग के उपज तैयार होने को हैं. जल्द ही सब्जियों के भाव कम हो सकते हैं तथा उपज भी बढ़ जायेगी.
सुपर बाजार
आलू-12-15
प्याज-20-25
बैगन-30
कद्दू-35
भिंडी -55
हरी मिर्च-100
सहजन-160
कटहल-80-100
टमाटर-20-30
परवल-50-80
करैली-60
खीरा-30-40
नींबू-15 प्रति जोड़ा