पश्चिम बंगाल :उपराष्ट्रपति की ‘मिमिक्री’ पर विवादों में घिरे कल्याण बनर्जी,पहले भी दे चुके हैं कई विवादित बयान
कल्याण बनर्जी ने अन्य नेताओं के साथ राजभवन के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व किया. बनर्जी पार्टी के अंदर अपनी कानूनी-सूझबूझ के लिए जाने जाते हैं और आवश्यक मामलों में वह राज्य सरकार को कानूनी सलाह भी देते हैं.
TMC MP Kalyan Banerjee : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल करने को लेकर विवादों में घिरे टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी (TMC MP Kalyan Banerjee) का विवादों से नाता नया नहीं है. बनर्जी का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधने के लिए विवादास्पद टिप्पणियां करने का पुराना इतिहास रहा है. राजनीतिक विवाद की शुरुआत तब हुई जब बनर्जी ने विपक्षी दलों के विरोध के दौरान संसद की सीढ़ियों पर मंगलवार को धनखड़ की ‘मिमिक्री’ की और सांसदों के निलंबन की निंदा की. भाजपा ने बनर्जी के इस कृत्य और राहुल गांधी की ओर से इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग किये जाने की कड़ी आलोचना की है. संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने सदन में कहा कि वह संसद या उपराष्ट्रपति के संवैधानिक पद का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसके जवाब में बनर्जी ने स्पष्ट किया कि मंगलवार को संसद परिसर में अपने कृत्य से उनका किसी को नुकसान पहुंचाने का इरादा नहीं था.
वकील से नेता बने कल्याण बनर्जी
वकील से नेता बने 66 वर्षीय कल्याण बनर्जी पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पश्चिम बंगाल के तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ (अब उपउपराष्ट्रपति) के खिलाफ टिप्पणी करते रहे हैं. बनर्जी के इस पुराने रिकॉर्ड के कारण राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने उन्हें ‘लूज कैनन’ उपनाम दिया है. ‘लूज कैनन’ से आशय एक ऐसे व्यक्ति से है जिसका खुद के व्यवहार पर नियंत्रण नहीं रहता और वह अपने कृत्य से दूसरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर देता है.
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ममता बनर्जी के कट्टर समर्थक रहे हैं कल्याण बनर्जी
छात्र राजनीति में सक्रिय रहे बनर्जी ने विधि में स्नातक किया है और वह ममता बनर्जी के कट्टर समर्थक रहे हैं. वह पहली बार 2001 में पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. पश्चिम बंगाल में श्रीरामपुर लोकसभा सीट से तीन बार संसद चुने गये बनर्जी पहली बार 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की आलोचना को लेकर विवादों के केंद्र में आए. ममता बनर्जी ने शहर के सांस्कृतिक केंद्र,नंदन में बिताए गए समय को लेकर भट्टाचार्य की आलोचना की थी.
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नोटबंदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान की विवादास्पद टिप्पणियां
वर्ष 2012 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार से टीएमसी के समर्थन वापस लेने के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति के मुद्दे पर बनर्जी और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के बीच जुबानी जंग छिड़ गई थी. चार साल बाद कोलकाता में भारतीय रिजर्व बैंक कार्यालय के बाहर नोटबंदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कुछ विवादास्पद टिप्पणियां की जिनकी व्यापक निंदा की गई.
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हाथरस की घटना को लेकर भी आये थे विवाद में
जनवरी 2021 में, विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले कल्याण बनर्जी ने उत्तर प्रदेश में हाथरस की घटना पर भाजपा की आलोचना करते हुए देवी सीता और भगवान राम का जिक्र करके विवाद खड़ा कर दिया था. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और भाजपा ने बनर्जी की तीखी आलोचना की और कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में धनखड़ के कार्यकाल के दौरान राज्य सरकार का अक्सर उनसे टकराव होता रहता था. कई मौकों पर बनर्जी ने अन्य नेताओं के साथ राजभवन के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व किया. बनर्जी पार्टी के अंदर अपनी कानूनी-सूझबूझ के लिए जाने जाते हैं और आवश्यक मामलों में वह राज्य सरकार को कानूनी सलाह भी देते हैं.