Loading election data...

प्रयागराज में खेतों की चल रही थी जुताई, जमीन के अंदर से निकले बेशकीमती सिक्के, मची लूट

खेत समतलीकरण के दौरान जेसीबी के पंजे से जैसे मटका फूटा चांदी के सिक्के बिखर गए. और वहां मौजूद बच्चों ने जैसे से चांदी का सिक्का देखा, झप्पटा मार टूट पड़े. और सिक्के लेकर रफूचक्कर हो गए.

By Prabhat Khabar News Desk | December 2, 2021 9:58 AM

प्रयागराज जिले के फूलपुर तहसील क्षेत्र के कोटवा गांव में जेसीबी से खेत समतलीकरण कार्य के दौरान अचानक मिट्टी में दबे एक मटके से ब्रिटिश कालीन सैकड़ों चांदी के सिक्के निकले. चांदी के चमचमाते सिक्कों मिलते ही वहा मौजूद बच्चे सिक्के लेकर रफूचक्कर हो गए. इधर ग्रामीणों को भी खेत में चांदी के सिक्के मिलने की खबर जैसे ही मिली ग्रामीण भी खेत की ओर दौड़ पड़े. जिसे जितने सिक्के मिले लेकर वहां से खिसक लिया.

मौके पर मौजूद लोगों की माने तो बुधवार को गांव का एक व्यक्ति अपना खेत जेसीबी से समतल करा रहा था. शाम करीब चार बजे खेत के समतलीकरण के दौरान जेसीबी का पंजा मिट्टी में दबे एक घड़े से अचानक टकरा गया. और मटके में ब्रिटिश कालीन चांदी के सैकड़ों सिक्के वहीं बिखर गए.

खेत समतलीकरण के दौरान जेसीबी के पंजे से जैसे मटका फूटा चांदी के सिक्के बिखर गए. और वहां मौजूद बच्चों ने जैसे से चांदी का सिक्का देखा, झप्पटा मार टूट पड़े. और सिक्के लेकर रफूचक्कर हो गए. कुछ ही देर में वहां ग्रामीणों की भीड़ जुट गई जिसके हाथ जो लगा वह लेकर भाग गया.

इस संबंध में ग्राम प्रधान संकर्षण कुमार सिंह ने बताया कि चांदी के सिक्के मिलने के साथ ही मिट्टी के टूटे मटके के पास भूसी भी मिली है. कुछ ग्रामीणों ने बताया कि बहुत यहां पहले बस्ती थी. धीरे-धीरे लोगों ने पुराने खंडहर को समतल कर खेत बना लिया.

मध्यकालीन इतिहासकार, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रो योगेश्वर तिवारी ने बताया की 1 जनवरी, 1877 को दिल्ली के कोरोनेशन पार्क में पहला दिल्ली दरबार आयोजित हुआ था. इसमें लॉर्ड लिटन ने भाग लिया था. महारानी विक्टोरिया को तब भारत की साम्राज्ञी या कैसर ए हिंद घोषित किया गया था. इसी समय भारत में विक्टोरियन सिक्कों को ढलाई हुई थी.

Also Read: जेल में बंद बसपा सांसद अतुल राय की मुश्किल बढ़ी, प्रयागराज MP-MLA कोर्ट ने वारंट किया जारी

रिपोर्ट : एसके इलाहाबादी

Next Article

Exit mobile version