लोक आस्था के महापर्व छठ में सूर्योपासना के जरिये लोग सुख-समृद्धि और आरोग्य की कामना करते हैं. भगवान भुवन सम्पूर्ण जगत में ऊर्जा, प्रकाश, शक्ति और चेतना के असीम स्रोत गति, प्रगति और विकास के वाहक हैं. नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व शुरू होता है इस बार 17 नवंबर से छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है. इस महापर्व में हर दिन का अपना अलग महत्व है. नहाय-खाय का अर्थ है स्नान कर भोजन करना. शरीर को शुद्ध कर सूर्योपासना के लिए तैयार किया जाता है. व्रती नदी या तालाब में स्नान कर कच्चे चावल का भात, चनादाल और कद्दू (लौकी या घीया) प्रसाद के रूप में बनाकर ग्रहण करती हैं.
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