Video : शहीद बेटे की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंची मां, युवाओं ने पैरों तले बिछा दी हथेलियां
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए पूरा गांव इकट्ठा हुआ था. जहां शहीद की मां मंजु देवी ने सबसे पहले अपने शहीद बेटे जय किशोर की प्रतिमा की आरती उतारी और फिर अपने बेटे की प्रतिमा से लिपट कर रोने लगी
वीरों की भूमि बिहार के युवा हंसते हंसते देश के लिए जान दे देते हैं. वैशाली के एक ऐसे ही शहीद जवान जयकिशोर सिंह दो साल पहले गलवान घाटी में चीनी सेना से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे. उन्हीं के मां के सम्मान में रविवार को युवाओं ने अपनी हथेलियां बिछा दी. मां अपने शहीद बेटे की प्रतिमा तक जा रही थी जिसके लिए युवाओं ने अपनी हथेली बिछा दी थी.
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा हुए थे लोग
रविवार को पूरा गांव शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा हुआ था. जहां शहीद की मां मंजु देवी ने सबसे पहले अपने शहीद बेटे जय किशोर की आरती उतारी और फिर अपने बेटे की प्रतिमा से लिपट कर रोने लगी. आजादी के अमृत महोत्सव और हर घर झंडा लगाने के लिए हाजीपुर के चटफते गांव पहुंचे युवाओं ने देश के शहीद बेटे की मां को यह सम्मान दिया. यह देख पूरा गांव भावुक हो गया था.
शहीद के सम्मान में रखा गया था कार्यक्रम
शहीद जय किशोर के सम्मान में गांव में एक छोटा स कार्यक्रम रखा गया था. इसी कार्यक्रम के दौरान मां मंजु देवी जब प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंची तो युवाओं ने उन्हें आते हुए देख लिया और मां के कदमों में अपनी हथेली बिछा दी और उस पर चल कर जाने का आग्रह किया जिसे मां ताल न सकी और चलकर प्रतिमा तक पहुंची. जहां उन्होंने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और आरती की.
वैशाली में शहीद बेटे की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंची मां के पैरों तले युवाओं ने बिछा दी हथेलियां. #IndependenceDay2022 pic.twitter.com/pgDo43HPSa
— Anand shekhar (@shekharanand76) August 15, 2022
युवाओं के इस जज्बे को देख कर तालियों की गरगराहट गूंज उठी और पूरा माहौल देशभक्ति के रंग में रंग गया. यहां भारत माता की जय के नारे भी लगे. यह सम्मान पाकर शहीद बेटे की मां गौरवान्वित हो उठी.
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2020 में हुए थे शहीद
बता दें की शहीद जय किशोर सिंह ने 2020 में भारत और चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में गलवान घाटी में चार चीनी सैनिक को मार गिराया था. जिसके बाद वह अपने देश की सुरक्षा करते हुए शहीद हो गए थे. शहीद जय किशोर सिंह के बड़े भाई भी सेना में हैं. और उनका छोटा भाई भी सेना में जाने के लिए तैयारी कर रहा है. शहीद जय किशोर सिंह के पिता साधारण किसान हैं.