Jharkhand News (पीयूष तिवारी, गढ़वा) : झारखंड के गढ़वा सदर अस्पताल में मरीजों से इलाज के नाम पर रिश्वत मांगी जाती है. सरकारी नि:शुल्क इलाज होने की उम्मीद पाले मरीजों से हजारों रुपये की उगाही हर दिन हो रही है. इसी कड़ी में रिश्वत को लेकर हो रही सौदेबाजी का एक वीडियो वायरल हुआ है. इस वीडियो में सदर अस्पताल के लेबर रूम में मरीज के परिजनों, नर्स व सफाईकर्मियों के बीच इलाज के लिए रिश्वत मांगे जाने की सौदेबाजी होती दिख रही है.
इस वीडियो में सदर अस्पताल, गुमला के ओपीडी में तैनात आउटसोर्सिंग सफाईकर्मी सोनी बीबी एवं लेबर रूम की इंचार्ज नीलू कुमारी एक महिला मरीज से गर्भपात कराने के लिए 2500 रुपये लेने की हठ कर रही है जबकि मरीज के परिजन 1500 रुपये तक देने की बात कह रहे हैं. यह वीडियो 3 जून का बताया गया है.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद गढ़वा सिविल सर्जन कमलेश कुमार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 7 महिला कर्मियों को निलंबित कर दिया है. इसमें एनएचएम की चार स्टाफ नर्स नीलू कुमारी, प्रीति कुमारी, ममिता कुजूर व सेलिना डोडेराय, स्टाफ नर्स आउटसोर्स करिश्मा कुमारी तथा सफाईकर्मी आउटसोर्स सोनी बीबी व रीता देवी के नाम शामिल है. इस वीडियो के वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है.
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वायरल वीडियो सदर अस्पताल के लेबर रूम का बताया जा रहा है. बताया गया कि कांडी थाना क्षेत्र के पतीला गांव की फातिमा खातुन को 3 जून की दोपहर में सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था. वह गर्भवती थी. उसे रक्तस्राव हो रहा था. नर्सों ने उसे गर्भपात कराने की सलाह दी. साथ ही इसके एवज में 2500 रुपये की मांग की. बताया गया कि पैसे लेकर मरीज का इलाज कर दिया गया, लेकिन आपसी लेनदेन में ही पहले से अस्पतालकर्मियों के बीच खींचतान चल रहा था. क्षुब्ध कर्मियों में से किसी ने इस सौदेबाजी प्रकरण का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया.
वीडियो में ओपीडी में तैनात आउटसोर्सिंग सफाईकर्मी सोनी बीबी व लेबर रूम की इंचार्ज नीलू कुमारी के बीच मरीज के इलाज को लेकर बातचीत शुरू होते ही वहां मौजूद एक नर्स ममिता बाहर जाती दिख रही है. आउटसोर्सिंग की सफाईकर्मी सोनी बीबी इस वीडियो में नर्स नीलू से बात कर रही है कि उसने मरीज के परिवारवालों को समझाया है. लेकिन, वे लोग 1500 रुपये ही दे रहे हैं.
सफाई कर्मी रीता कह रही है कि प्राइवेट अस्पताल में 5 हजार से कम नहीं लगेगा. वहीं, नर्स नीलू कह रही है कि प्राइवेट में 8-10 हजार रुपये दे देंगे, लेकिन यहां इतना देने में भी परेशानी है. वहां मौजूद एक नर्स सलीना एक अन्य मरीज के बारे में यह कहते दिख रही है कि उसने एक रुपये भी नहीं दिये, तो वहां से वह चल (बिना इलाज किये) दिया.
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वायरल वीडियो के मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन ने 5 सदस्यीय कमेटी गठित की है. इसमें सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डाॅ संध्या टोपनो, डाॅ पुष्पा सहगल, डाॅ डीके सिंह, प्रभारी अस्पताल प्रबंधक अरविंद द्विवेदी एवं क्लर्क धीरज पाठक शामिल हैं.
इस संबंध में गढ़वा सिविल सर्जन कमलेश कुमार ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच करायी जा रही है. सभी पहलुओं पर जांच होगी. इसमें दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. किसी भी कर्मी को रोस्टर के अनुसार जहां ड्यूटी है, वहीं रहे. सर्जिकल वार्ड, ओपीडी आदि में कार्यरत कर्मी लेबर रूम में क्या करने गया था, यह उसकी संलिप्तता को दर्शाता है.
Posted By : Samir Ranjan.