गोरखपुर: विजिलेंस की टीम ने तीसरे दिन भी खंगाले अभिलेख, कई फर्मों की फाइलें कब्जे में ली

गोरखपुर, रेलवे बोर्ड विजिलेंस के कार्यकारी निदेशक की टीम तीसरे दिन भी NER के स्टोर डीपो और पीसीएमएम दफ्तर में जमी रही. टीम ने सूक्ति एसोसिएट सहित तीन फर्मों की फाइलों को भी अपने कब्जे में ले लिया है. जानकारों की माने तो इस मामले में कई और अधिकारी नप सकते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2023 12:17 PM

Gorakhpur: रेलवे बोर्ड बिजनेस के कार्यकारी निदेशक की टीम पूर्वोत्तर रेलवे की स्टडी को और प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधन दफ्तर में जमी हुई है. वह खरीद फरोख्त से संबंधित सवालों का जांच कर रहे हैं. टीम सोमवार से ही पूर्वोत्तर रेलवे की स्टोर डिपो पीसीएमएम ऑफिस में डाटा खंगालने में जमी हुई है. विजिलेंस की टीम जेम पोर्टल पर पंजीकृत फर्मों का भी ब्योरा जांच रही है. ट्रेन में संबंधित अधिकारियों से पूछताछ और उनका बयान लेने के बाद सूक्ति एसोसिएट सहित तीन फर्मो की फाइलों को जब्त किया है.

कई अधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई

विजिलेंस की टीम स्टोर डिपो के गेट रिकॉर्ड की जांच भी कर रही है. टीम ने गेट के रजिस्टर से फाइलों का मिलान कर रही है. पीसीएमएम केसी जोशी को सीबीआई ने 3 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. अभी वह जेल में है, जिसके बाद से सीबीआई के साथ-साथ विजिलेंस ने भी स्टोर डिपो व पीसीएमएम दफ्तर के फाइलों को खंगालना शुरू किया. फिलहाल कई और नाम सामने आ रहे हैं. जानकारों का कहना है कि पूर्वोत्तर रेलवे के सामान की खरीद व बिक्री मामले में शामिल कई अधिकारी नप सकते हैं.

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विजिलेंस की टीम पहले भी कर चुकी है कार्रवाई

पीसीएमएम के सी जोशी के पहले विजिलेंस की टीम के जांच पर खामियां मिलने पर स्टोर डिपो के उपमुख्य प्रबंधक ऋतु राज का दूसरे जोन में ट्रांसफर हो गया है. स्टोर डिपो और पीसीएमएम दफ्तर में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश 2023 की शुरुआत में ही हो गया था. जब स्टोर डिपो में जेम पोर्टल पर सामान की खरीद व बिक्री तथा स्थानीय खरीद में अनियमित, रेलवे के वाहनों व उपकरणों के नाम पर हेरा फेरी की शिकायत बिजनेस तक पहुंची थी. जिसके बाद विजिलेंस की टीम गोरखपुर पहुंचकर दोनों जगहों की जांच पड़ताल की और जरूर दस्तावेजों को अपने साथ ले गई थी.

आरोप था कि स्टोर डिपो में किसी विशेष एजेंसी को लाभ पहुंचा जा रहा है. कोविड काल के समय में भी एक ही एजेंसी से दवाई उपकरणों की खरीद की गई है. जिसके बाद 23 मार्च को गोरखपुर स्थित स्टोर डीपो में विजिलेंस की टीम ने छापेमारी कर दी.टीम ने लगातार दो दिनों तक जांच पड़ताल की जिसमें सामान की खरीद में अनियमितता का मामला सामने आया.एक ही एजेंसी से 77 तरह के सामान की खरीद की गई थी. रेलवे के अधिकारियों के लिए उपलब्ध में गाड़ियों में खामिया सामने आया था. एजेंसी से नामित चालक अधिकारियों के बंगले पर कार्य करते हुए पाए गए और रेलवे के चालक एजेंसी के वाहन चला रहे थे.

रेलवे की एक बड़े क्रेन को निष्प्रयोज्य बात कर उसे कंडम घोषित कर दिया गया और प्राइवेट क्रेन को कार्य के लिए लगाया गया था. इतना ही नहीं इस जांच में यह भी सामने आया कि स्टोर डिपो के सीसी टीवी कैमरे में पिछले 6 माह से रिकॉर्डिंग ही नहीं हो रही थी.

रिपोर्ट–कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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