Vijaya Ekadashi 2023: विजया एकादशी 16 फरवरी दिन गुरुवार को रखा जा रहा है. वैसे तो पूरे एक साल में कुल 24 एकादशी है. सभी एकादशी के अलग-अलग नाम और महत्व है. ऐसी मान्यता है कि एकादशी व्रत करने वालों पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि विजया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के पूर्व जन्म के पापों का अंत निश्चित ही होता है. वहीं शास्त्रों के अनुसार विजया एकादशी के दिन आप कुछ उपाय करके अपनी इच्छा या मनोकामना को पूरा कर सकते हैं. इस लेख के द्वारा आज हम आपतो बताएं कि वो कौन से उपाय हैं-
अगर आप कोई विशेष मनोकामना पूरी करना चाहते हैं तो सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्यदेव को गंगाजल अर्पित करें. इसके बाद भगवान श्रीराम परिवार की पूजा करें. ग्यारह केले, लड्डू, लाल फूल अर्पित करें. ग्यारह चंदन की अगरबत्ती और ग्यारह दीपक जलाएं. ग्यारह खजूर और ग्यारह बादाम चढ़ाएं. इसके बाद ‘ओम सिया पतिये राम रामाय नमः’ मंत्र का जाप करें.
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अगर आप लंबे समय से नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो एकादशी के दिन आपको एक उपाय जरूर करना चाहिए. इसके लिए कलश के ऊपर आम का पेड़ रखें. उस पर जौ से भरा बर्तन रखें और दीपक जलाएं। 11 लाल फूल, 11 फल और मिठाई चढ़ाएं. इसके बाद सूर्य के कारक भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें, फिर ‘ॐ नारायणाय लक्ष्मीऐ नमः’ मंत्र का जाप करें.
विजया एकादशी के दिन पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. कहा जाता है कि इससे नारायण जरूर प्रसन्न होते हैं. तुलसी पत्र चढ़ाते समय भगवान के सामने अपने परिवार में सुख-समृद्धि की कामना करनी चाहिए. साथ ही पूजा में पंचामृत का भोग लगाएं.
संतान प्राप्ति के लिए दंपत्ति को एक साथ मिलकर भगवान की पूजा करनी चाहिए. एकादशी के दिन चांदी के बर्तन में दूध में मिश्री मिलाकर पीपल पर चढ़ाना चाहिए. इस उपाय से सुंदर और सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है.
(डिसक्लेमर- यहां दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक मान्यताओं पर आधारित है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखते हुए लिखी गई है.)