Vijayadashami 2022: सरायकेला-खरसावां जिले के सरायकेला, खरसावां, कुचाई, राजनगर, सीनी समेत अन्य इलाके में बुधवार को दशहरा का पर्व श्रद्धापूर्वक एवं हर्षोंल्लास के साथ संपन्न हो गया. विजयादशमी पर लोगों ने मां दुर्गा की प्रतिमाओं को स्थानीय जलाशयों में विसर्जित कर दिया. इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा निकाली गयी विसर्जन जुलूस में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. मां दुर्गा के जयघोष से पूरा क्षेत्र गुंजायमान था. मंगलकामना और नम आंखों से श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की प्रतिमा को तालाब में विसर्जित किया.
भक्ति की बही बयार
सरायकेला-खरसावां के विभिन्न स्थानों पर आकर्षक पंडाल और देवी मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित हुए. इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु माता का आशीर्वाद लिया. विजयादशमी के दिन सरकारी दुर्गापूजा मंदिर में सदर एसडीओ रामकृष्ण कुमार ने यजमान बनकर मां दुर्गा की पूजा- अर्चना की. खासकर सप्तमी से विजयादशमी तक पंडालों में काफी भीड़ उमड़ी और लोगों ने मां के दर्शन किए. नौ दिनों तक इलाकों के पूजा पंडालों में चले रंगारंग महोत्सव के बाद तक विजयादशमी को पंडालों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन श्रद्धापूर्वक निर्धारित घाटों पर कर दिया गया.
राजखरसावां के तीन जगहों पर वैष्णव विधि से हुई पूजा
सरायकेला के पब्लिक दुर्गापूजा मैदान पर तांत्रिक मत के अनुसार मां देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की गई. यह परंपरा रियासती समय से ही चली आ रही है तथा परंपरा आज भी जीवित है. इस मौके पर बलि भी दी गई. खरसावां के सरकारी दुर्गा मंदिर और तलसाही स्थित सेवा संघ पूजा समिति के पंडाल में भी तांत्रिक विधि विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा संपन्न हुई. राजखरसावां के तीनों पंडालों में वैष्णव विधि से पूजा की गई.
रिपोर्ट : शचिंद्र कुमार दाश, सरायकेला-खरसावां.