Loading election data...

Happy Vijayadashami 2021: विजयादशमी पर दैत्यराज रावण की पूजा, उत्तर भारत के इस मंदिर के बारे में जानते हैं ?

Happy Vijayadashami 2021: पूरे देश में विजयदशमी के दिन रावण का प्रतीक रूप में वध कर उसका पुतला जलाया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है. इतना ही नहीं यहां पूजा करने के लिए रावण का मंदिर भी मौजूद है, जो केवल वर्ष में दशहरे के मौके पर खोला जाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 15, 2021 11:48 AM

Vijayadashmi 2021: अधर्म पर धर्म की और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक रावण का व्यक्तित्व शायद ऐसा ही है, कि हम सरेआम रावण पुतला तालियों की गड़गड़ाहट के बीच जलाते हैं. आपने सोचा है कि रावण का यही व्यक्तित्व उसकी पूजा भी कराता है.

दशहरे पर खुलता है रावण का मंदिर

पूरे देश में विजयदशमी के दिन रावण का प्रतीक रूप में वध कर उसका पुतला जलाया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है. इतना ही नहीं यहां पूजा करने के लिए रावण का मंदिर भी मौजूद है, जो केवल वर्ष में दशहरे के मौके पर खोला जाता है.

Also Read: Kanpur News: सिर्फ विजयादशमी पर खुलता है उत्तर भारत का यह इकलौता रावण मंदिर, जानिए अनसुनी बातें
विधि-विधान से दैत्यराज रावण की पूजा

रावण का ये मंदिर उद्योग नगरी कानपुर में मौजूद है. विजयदशमी के दिन इस मंदिर में पूरे विधि-विधान से रावण का दुग्ध स्नान और अभिषेक कर श्रृंगार किया जाता है. उसके बाद पूजन के साथ रावण की स्तुति कर आरती की जाती है.

क्यों की जाती है रावण की पूजा?

ब्रह्म बाण नाभि में लगने के बाद और रावण के धराशाही होने के बीच कालचक्र ने जो रचना की उसने रावण को पूजने योग्य बना दिया. यह वो समय था जब राम ने लक्ष्मण से कहा था कि रावण के पैरों की तरफ खड़े होकर सम्मान पूर्वक नीति ज्ञान की शिक्षा ग्रहण करो, क्योंकि धरातल पर न कभी रावण के जैसा कोई ज्ञानी पैदा हुआ है और न कभी होगा. रावण का यही स्वरूप पूजनीय है और इसी स्वरुप को ध्यान में रखकर कानपुर में रावण के पूजन का विधान है.

Also Read: Navratri 2021: योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर में सालों पुरानी रामलीला, विजयादशमी पर खास आयोजन
मन की मुरादें हो जाती हैं पूरी

सन 1868 में कानपुर में बने इस मंदिर में तब से आज तक निरंतर रावण की पूजा होती है. लोग हर वर्ष इस मंदिर के खुलने का इंतजार करते हैं और मंदिर खुलने पर यहां पूजा अर्चना बड़े धूम धाम से करते हैं. पूजा अर्चना के साथ रावण की आरती भी की जाती है. कानपुर में मौजूद रावण के मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां मन्नत मांगने से पूरी होती हैं. यहां दशहरे के दिन ही रावण का जन्मदिन मनाया जाता है. बहुत कम लोग जानते होंगे कि रावण को जिस दिन राम के हाथों मोक्ष मिला उसी दिन रावण पैदा भी हुआ था.

(रिपोर्ट: आयुष तिवारी, कानपुर)

Next Article

Exit mobile version