10 दिन पूर्व युवक की हत्या से नाराज थे ग्रामीण, सात नामजद के खिलाफ दर्ज की गयी थी एफआइआर
पीरटांड़ : पीरटांड़ थाना क्षेत्र के पिपराटांड़ में शनिवार को 10 दिन पूर्व हुई हत्या से आक्रोशित ग्रामीणों ने हत्या के पांच आरोपियों को जिंदा जलाने की कोशिश की. सूचना पर पहुंची पुलिस सबको मुक्त करा कर जब अपने वाहन में बैठाने लगी, तभी ग्रामीणों ने तीर चलाना शुरू कर दिया. इसी क्रम में एक तीर हत्या के आरोपी सुरेश मरांडी को लगी.
इसके बाद पुलिस के सामने ही उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. अन्य आठ आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी. लगभग दस राउंड फायरिंग के बाद ग्रामीण पीछे हटे. बीच बचाव के क्रम में पुलिस के कई जवान भी चोटिल हो गये. स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में बलों की तैनाती गांव में की गयी है.
युवक की हत्या के बाद में सुलग रहा था गुस्सा : तीन-चार जून को पीरटांड़ की बिशनपुर पंचायत के पिपराटांड़ में युवक हीरालाल किस्कू की हत्या कर दी गयी थी. युवक का शव उसके घर से थोड़ी दूरी पर स्थित कुसुंभा नाला के पास मिला था. हत्या के पीछे जमीन विवाद कारण बताया गया था. मामले में सात लोगों को नामजद किया गया था. सभी नामजद फरार थे. आरोप है कि हत्या के आरोपी पीड़ित परिवार को धमकी दे रहे थे. इन धमकियों से गांव के लोगों में आक्रोश था.
हत्या के आरोपियों को सरेंडर करने बोल रहे थे : जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की रात पांच आरोपी गांव पहुंचे थे. वे लोग अपने घर में सोये थे. इस बीच सैकड़ों ग्रामीणों ने शनिवार की सुबह नामजदों समेत उनके परिजनों को घेर लिया और पथराव शुरू कर दिया. इस क्रम में ग्रामीणों ने सबसे पहले महिलाओं और बच्चों को बाहर निकाला. वह लोग हत्या के आरोपियों को बार-बार सरेंडर करने के लिए बोल रहे थे. जब आरोपी नहीं निकले, तो ग्रामीणों ने उनके घरों में आग लगा दी. इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी.
डीसी-एसपी पहुंचे, पुलिस बल तैनात : पांचों आरोपी एक परिवार के सदस्य (गोतिया) हैं. सबके घर सटे हुए हैं. पांचों के परिवार में कुल 30 सदस्य हैं, जिनमें से नौ पुरुष हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी राहुल कुमार सिन्हा के साथ एसपी सुरेंद्र कुमार झा भी मौके पर पहुंच गये. जिला से बलों को भी तैनात किया गया है. एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की. काफी मशक्कत के बाद पुलिस आठ लोगों को बचाने में सफल रही. सुरेश मरांडी की हत्या भीड़ ने उस समय कर दी, जब वह पुलिस के चंगुल से भागने की कोशिश कर रहा था.