झारखंड : पूर्वी सिंहभूम के बरसोल का एक ऐसा टोला जहां आज भी बुनियादी सुविधाओं का है अभाव, जानें कारण

पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत बरसोल के कुमारडुबी हरिजन टोला में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. सरकारी सुविधा के नाम पर सिर्फ राशन मिलता है. इसके अलावा आवास, सड़क समेत अन्य सुविधाएं आज तक नहीं मिली है. झोपड़ी में रहने के कारण बारिश के दिनों में काफी परेशानी उठानी पड़ती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2023 4:41 PM

बरसोल (पूर्वी सिंहभूम), गौरब पाल : पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत बरसोल के कुमारडुबी हरिजन टोला में 20 हरिजन परिवार लगभग 65 साल से सड़क के किनारे रहते हैं. फिर भी आज तक ना कोई पीएम आवास है और न ही कोई सरकारी सुविधा इन ग्रामीणों को मिली है. वनपट्टा नहीं मिलने से इन ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद किसी ने इन ग्रामीणों की सुध नहीं ली.

60 साल से रह रहे इन ग्रामीणों को नहीं मिलती सरकारी सुविधाएं

कुमारडुबी हरिजन टोला में हीरालाल कालिंदी, तारिणी कालिंदी, संतोष कालिंदी, तारकनाथ घड़ाई, बादल घड़ाई, दिलीप घड़ाई, लक्ष्मण मल्लिक, शंकर राणा, मिलू राणा, द्रौपदी मडुली, सुकांत मल्लिक सरीखे ग्रामीणों का कहना है कि वो लोग इस जगह में पिछले 60 साल से रह रहे हैं, लेकिन आज तक बुनियादी सुविधाओं का लाभ नहीं मिला है. सरकारी सुविधा के नाम पर सिर्फ राशन ही मिलता है. इसके अलावा पीएम आवास, वृद्धा पेंशन समेत अन्य सुविधाएं आज तक नसीब नहीं हुई है.

आवास नहीं रहने से झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं ग्रामीण

हरिजन टोला के ग्रामीणों ने कहा कि सबसे अधिक परेशानी आवास नहीं होने से होती है. किसी तरह से झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं, लेकिन बारिश के दिनों में तो रहना और भी मुश्किल हो जाता है. वहीं, रात में मच्छरों का प्रकोप भी काफी बढ़ जाता है. इसके कारण कई बार टोला के ग्रामीण बीमार हो जाते हैं. बीमारी के कारण दो साल पहले दो ग्रामीण की मौत हो गई थी. ग्रामीणों ने कहा कि इस टोले में सड़क की स्थिति भी काफी खराब है.

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शौचालय की सुविधा भी मयस्सर नहीं

टोला में रहने वाले लोगों ने यह भी बताया कि शौचालय नहीं होने के कारण ग्रामीणों को खेत में शौच के लिए जाना पड़ता है. इसके अलावा यहां के ग्रामीणों के पास कोई काम नहीं है. सभी दूसरो के खेत में खेतीबारी कर परिवार का भरण-पोषण करने को विवश हैं. सबसे अधिक परेशानी घर की महिलाओं को होती है. खासकर रात के बाद महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं. इन ग्रामीणों ने गुहार लगायी कि जल्द ही वनपट्टा और शौचालय का लाभ मिले. बताया गया कि इन समस्याओं को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों तथा प्रखंड प्रशासन को अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है.

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