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हाथियों के उत्पात से परेशान हैं रमकंडा के ग्रामीण, ठंड के मौसम में दहशत में गुजरती हैं रातें

Jharkhand news, Garhwa news, रमकंडा (मुकेश तिवारी) : अनाज के आदि हो चुके हाथियों का झुंड धान की खोज में जंगलों से निकलकर रमकंडा प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों जमकर उत्पात मचा रहा है. वहीं, एक दिन भी प्रखंड क्षेत्र के किसी गांव में हाथियों के झुंड का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिराजपुर, तेतरडीह, बरवा, होमिया, दुर्जन, रोहड़ा सहित दर्जन भर गांवों में उत्पात मचाने के बाद हाथियों के झुंड ने उत्पात मचाते हुए मंगराही गांव के 5 घरों को क्षतिग्रस्त कर उसमें रखे गये कई क्विंटल धान एवं मकई को चट कर गये.

Jharkhand news, Garhwa news, रमकंडा (मुकेश तिवारी) : अनाज के आदि हो चुके हाथियों का झुंड धान की खोज में जंगलों से निकलकर रमकंडा प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों जमकर उत्पात मचा रहा है. वहीं, एक दिन भी प्रखंड क्षेत्र के किसी गांव में हाथियों के झुंड का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिराजपुर, तेतरडीह, बरवा, होमिया, दुर्जन, रोहड़ा सहित दर्जन भर गांवों में उत्पात मचाने के बाद हाथियों के झुंड ने उत्पात मचाते हुए मंगराही गांव के 5 घरों को क्षतिग्रस्त कर उसमें रखे गये कई क्विंटल धान एवं मकई को चट कर गये.

घटना की सूचना के बाद वनकर्मी उत्तम कुमार ने पीड़ित ग्रामीणों के घर पहुंचकर मामले की जानकारी ली. इसके साथ ही पंचायत के मुखिया पति संजय यादव, उपमुखिया रमाकांत राम ने मामले की जानकारी ली. वहीं, पीड़ितों को मुआवजा का आश्वासन दिया. हाथियों द्वारा घर में रखे सभी अनाजों को चट कर जाने की सूचना पर गंभीर रूप से पीड़ित पार्वती कुंवर को मुखिया पति श्री यादव ने तत्काल 50 किलो चावल उपलब्ध कराया.

रात में हाथियों का झुंड करमाटिकर के जंगलों से निकलकर मंगराही गांव निवासी लालकेश्वर सिंह के घर को क्षतिग्रस्त किया. वहीं, घर में रखा हुआ 2 क्विंटल धान चट कर गया. इसके बाद पार्वती कुंवर के घर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर घर में रखा राशन, गेहूं एवं धान खा गये. इसी तरह जिरमनिया कुंवर एवं जगरनाथ सिंह के घरों को भी तोड़ दिया. वापस लौटने के दौरान हाथियों ने रामबली सिंह के घर को क्षतिग्रस्त कर करीब 2 क्विंटल धान खा गये.

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ग्रामीण शिवकुमार सिंह, बागेश्वर सिंह, मनोज कोरवा, सुरेंद्र सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि करीब तीन घंटों तक हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. जानकारी के बाद ग्रामीणों के शोरगुल के बावजूद हाथियों का झुंड टस से मस नहीं हुआ. आखिरकार आग जलाने के बाद हाथियों का झुंड जंगलों की ओर भाग गये.

ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में हाथियों के पहुंचने की पहली घटना है. बीते वर्षों में हाथियों का झुंड बगल के गांवों तक ही पहुंचता था. बताया गया कि चिंघाड़ने की आवाज सुनते ही ग्रामीण एकजुट होने लगे, लेकिन बेखौफ हाथियों ने अनाज चट कर गया. इस तरह हाथियों के आतंक से इन दिनों प्रखंड क्षेत्र के लोग दहशत में रात गुजार रहे हैं.

बताया कि इस तरह हाथियों के आतंक से उन्हें अब प्रत्येक वर्ष जूझना पड़ेगा. वहीं, अपने जानमाल की क्षति होने का भी भय बना रहता है. वहीं, धीरे- धीरे अब हाथियों का झुंड इन गांवों में अपना घर जैसा व्यवहार करने लगा है कि टिन बजाने एवं टार्च जलाने पर भी हाथी पहले की तरह अब नहीं भागते हैं. उन्हें भगाने के लिए भी काफी मशक्कत करना पड़ता है.

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7 वर्षों से प्रभावित है दर्जनों गांव

इस तरह हाथियों के आतंक से रमकंडा प्रखंड के दक्षिणी क्षेत्र वाले बिराजपुर, मुरली, तेतरडीह, रोदो, बरवा, कुशवार, बैरिया, होमिया, दुर्जन, मुरली, गोबरदाहा सहित अन्य गांव प्रत्येक वर्ष हाथियों के आतंक से प्रभावित होता है. इन इलाकों में हाथियों के आने का सिलसिला पिछले 7 वर्षों से धान की फसल पकने के दौरान से शुरू होती है. जहां इन्हीं गांवों के जंगलों में रहकर विभिन्न गांवों के घरों को क्षतिग्रस्त करता है. ग्रामीण बताते हैं कि पूरे जनवरी महीने तक यह झुंड इन्हीं इलाकों में रहकर अनाज सहित जानमाल को नुकसान पहुंचाता है. पिछले एक सप्ताह के दौरान हाथियों ने दर्जनों घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया. वहीं, मवेशियों को पटककर मार डाला.

इनमें रमकंडा के सेमरटांड़ निवासी अवधेश सिंह, उपरटोला निवासी राजा राम, विकास कुमार, तेतरडीह गांव निवासी बुधु मांझी, बलिगढ़ गांव निवासी बीरबल गौड़, सिकंदर गौड़ एवं अनिरुद्ध गौड़ के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया. इसके साथ ही तिलैयाटांड़ गांव निवासी शुकु सिंह के एक बछड़े को पटक कर मार डाला है. वहीं, बरवा गांव के रुबित बाखला, रबित बाखला, देनवा लकड़ा के खलिहान में दब कर बोरी में रखे गये करीब 10 क्विंटल धान खा गये थे.

वहीं, कुशवार गांव के एक किसान के खलिहान में धान के बोझा को खाने के बाद बचे हुए बोझा को सूंड़ में टांगकर ले गया था. इसी तरह बिचला टोला निवासी सहीद अंसारी, रोहड़ा गांव निवासी बाबूलाल साव, बिहारी राम, सीताराम कोरवा, बिहारी राम, ननकु देवार, सत्यनारायण यादव, सुखी यादव सहित बिराजपुर गांव के सीताराम साव, सिंगारी देवी, सत्यनारायण सिंह सहित कई अन्य ग्रामीणों के घरों को तोड़ चुके हैं.

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पिछले वर्ष वन विभाग ने 42 लाख मुआवजा बांटा

विभागीय आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष वन विभाग ने गढ़वा जिले के दक्षिणी वन क्षेत्र वाले रंका, रमकंडा, चिनिया, बड़गड़ एवं भंडरिया क्षेत्र में हाथियों द्वारा फसल, मवेशी और घर को नुकसान पहुंचाने के मामले में करीब 42 लाख रुपये मुआवजा पीड़ित किसानों को उपलब्ध कराया गया था. आंकड़ो के अनुसार, इन प्रखंडों में हाथियों ने 16 मवेशियों सहित 3 ग्रामीणों को पटक कर मार डाला था. वहीं, 8 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. इसके साथ ही 82 किसानों के फसलों को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया था. वहीं, 86 किसानों के सैकड़ों क्विंटल धान चट कर गये थे. इसके साथ ही हाथियों ने 111 मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. इनमें 50 मकान गंभीर रूप से तो, वहीं 61 मकानों को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त किया था.

Posted By : Samir Ranjan.

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