झारखंड के इस गांव में जाने से पहले कई बार सोचते हैं ग्रामीण, पैदल चलना भी है दूभर, जानें कारण
गिरिडीह के धरमपुर से भाया चट्टी ओरवाटांड़ तक सड़कों की स्थिति दयनीय है. यहां जाने के लिए ग्रामीण कई बार सोचते हैं. बारिश के दिनों में यहां पैदल चलना काफी परेशानी भरी होती है. सड़क पक्कीकरण के लिए कई बार गुहार लगायी गयी, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है.
Jharkhand News: गिरिडीह जिला अंतर्गत राजधनवार प्रखंड के धरमपुर से भाया चट्टी ओरवाटांड़ तक सात किमी कच्ची सड़क की स्थिति काफी खराब है. स्थिति यह है कि बारिश होने पर इस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. बोदगो, चट्टी और धरमपुर तीन पंचायतों को जोड़ने वाली इस ग्रामीण सड़क से 10-12 गांव के लोगों को शिक्षा और व्यापार के प्रमुख केंद्र चट्टी आना-जाना लगा रहता है. बरसात में कई बार बोदगो एवं धरमपुर पंचायत के बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं क्योंकि कीचड़ होने से फिसल कर गिरने की आशंका बनी रहती है.
सड़क के पक्कीकरण की नहीं हुई कोई पहल
अलग झारखंड राज्य गठन के दो दशक बीतने के बाद भी इसकी पक्कीकरण की कोई पहल आज तक नहीं हुई. रास्ता जर्जर रहने से इस क्षेत्र के लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. ग्रामीणों ने बताया कि इसके निर्माण के लिए पिछले 20 वर्षों से प्रतिनिधियों से अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन अभी तक आश्वासन के सिवा कुछ न मिला. सभी चुनाव में प्रत्याशी सड़क पक्कीकरण का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं. अधिकारी भी सड़क पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
आज तक किसी ने नहीं दिया ध्यान, सिर्फ मिला कोरा आश्वासन
इस संबंध में मुखिया भुनेश्वर साव, पूर्व मुखिया संजय साव, महादेव नायक, गुरुचरण प्रसाद, संतोष कुमार, रामावतार कुमार, छत्रधारी वर्मा, सुनील कसेरा, रामदेव साव, गोविंद साव, सुदामा नायक, तुलसी दास आदि ने कहा कि इस सड़क की ओर आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया. सड़क को उपेक्षित छोड़ देने से एक दर्जन गांव के लोग परेशान हैं. बारिश होने पर तो इस सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है. दो पहिया वाहन चालक प्राय: दुर्घटना के शिकार होते हैं. इसकी पक्कीकरण के लिए प्रशासन से कई बार गुहार लगायी गयी, लेकिन अधिकारियों ने इस पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने सांसद-विधायक व जिला प्रशासन से इसे पीएमजीएसवाइ से सड़क की पक्कीकरण करवाने की मांग की है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीण गुरुचरण नायक ने कहा कि यह सड़क तीन पंचायत के लगभग एक दर्जन गांवों को जोड़ती है. इस क्षेत्र के विकास व ग्रामीणों की सुविधा के लिए इसका निर्माण अति आवश्यक है. जन प्रतिनिधियों को पहल करनी चाहिए. वहीं, रामावतार गुप्ता ने कहा कि चट्टी इस क्षेत्र का प्रमुख बाजार है. शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र ही. यह प्रखंड बनने लायक है. बावजूद तीन पंचायतों को जोड़ने वाली सड़क की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दिया जाना दुखदायी है. प्रशासन जल्द पहल करे.
बारिश में चलना होता है दूभर
ग्रामीण रामदेव साव ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बना, कई सरकारें आयीं-गयीं. इस क्षेत्र के कई लोगों को सरकार में प्रतिनिधित्व का मौका भी मिला. सड़क पक्कीकरण का अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिला. सांसाद विधायक को ध्यान देना चाहिए. वहीं, भीमसेन कुमार ने कहा कि सड़क कच्ची और जर्जर रहने से बरसात में कीचड़मय हो जाता है. आवागमन करने में परेशानी काफी बढ़ जाती है. कई-कई दिन बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. इसकी पक्कीकरण के लिए जल्द पहल करना जरूरी है.