कोलकाता: इस वर्ष पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाओं में कई लोगों की मौत हुई थी. विपक्ष ने चुनाव के दरम्यान बमबाजी, गोलीबारी, खून-खराबा होने का आरोप लगाया था. उनका यह भी कहना था कि पंचायत चुनाव के नाम पर राज्य में आतंक मचाया गया. हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन आरोपों का कई बार खंडन कर चुकी हैं. उन्होंने कई मर्तबा कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान हुईं मौतों को राजनीतिक करार देना ठीक नहीं है.
सीएम ने पहले ही यह आश्वासन दिया था कि चुनाव के दौरान हिंसा में मारे गये लोगों के परिवार की राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी. उनके आश्वासन पर अब राज्य मंत्रिमंडल की मुहर लग गयी है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में मारे गये लोगों के परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी. जानकारी के मुताबिक, राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में कुल 19 लोगों की जान गयी थी.
इनमें से 15 की मौत मतदान वाले दिन हुई थी. मृतकों में माकपा और भाजपा के तीन-तीन एवं बाकी तृणमूल के कार्यकर्ता बताये गये हैं. सीएम ने पहले ही दावा किया था कि 71,000 बूथों में से तीन बूथों पर अशांति हुई थी. इनमें दक्षिण 24 परगना का भांगड़, मुर्शिदाबाद का डोमकल और कूचबिहार शामिल हैं. बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार ने हिंसा पीड़ितों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी थी. अब राज्य सरकार ने मृतकों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला किया है.
पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में मौत के आंकड़े को लेकर विपक्ष व सत्ता पक्ष के बीच विवाद जारी है. तृणमूल का दावा है कि 19 लोगों की जान गयी थी, जबकि विपक्ष का कहना है कि 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.