बंगाल पंचायत चुनाव : नामांकन के दौरान रणक्षेत्र बना भांगड़, तनाव के बीच TMC-ISF ने एक दूसरे पर लगाया आरोप
बंगाल पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के दौरान भांगड़ रणक्षेत्र बन गया है. तनाव के बीच तृणमूल कांग्रेस और आईएसएफ ने एक दूसरे पर हिंसा व अशांति फैलाने का आरोप लगाया है.
West Bengal Panchayat Election 2023: पश्चिम बंगाल में अगले महीने यानी जुलाई में पंचायत चुनाव होने वाला है. पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने को लेकर अलग-अलग हिस्सों में बुधवार भी बवाल हुआ और तनाव की स्थिति रही. दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ और अन्य हिस्सों में भी इस दिन ऐसी ही स्थिति बनी रही. बीते मंगलवार को इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) और तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों द्वारा पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने को लेकर भांगड़ ब्लॉक-दो प्रखंड विकास कार्यालय (बीडीओ) के पास विजयगंज बाजार, कांठालिया बस स्टैंड व विजयगंज मेला मैदान क्षेत्र में भारी बवाल हुआ था. अगले दिन यानी बुधवार को भांगड़ ब्लॉक-एक के अंतर्गत आने वाले इलाकों में झड़पें हुईं. कई क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी रही.
रैली के दौरान बमबाजी के आरोप
सूत्रों के अनुसार, यहां बीडीओ कार्यालय के एक किलोमीटर के दायरे में 144 धारा लागू होने के बावजूद कार्यालय के पास लाठी व रॉड लेकर उपद्रवियों का जमावड़ा देखा गया. इतना ही नहीं, भांगड़ में ही तृणमूल समर्थकों की रैली के दौरान बमबाजी और पथराव करने के आरोप लगे हैं. घटना में कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा है. बासंती हाइवे के पास पुलिस के कड़े इंतजाम थे. यहां भांगड़ ब्लॉक-एक के तृणमूल नेता शाहजहां मोल्ला के नेतृत्व में रैली निकाली गयी. रैली के दौरान हंगामा हुआ. हालात नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल मौके पर पहुंची.
तृणमूल ने लगाया आईएसएफ पर आरोप
इधर, तृणमूल नेतृत्व ने यह अस्वीकार किया है कि उनकी रैली के दौरान हंगामा हुआ. इस बीच, भांगड़ के बीबीरहाट इलाके में भी बमबाजी की घटना हुई. तृणमूल की ओर से आरोप लगाया गया कि भांगड़ ब्लॉक-एक के नारायणपुर में तृणमूल उम्मीदवार नामांकन पत्र जमा करने जा रहे थे. तभी आईएसएफ के समर्थकों ने उनपर हमला कर दिया. इलाके में बमबाजी की गयी और तृणमूल उम्मीदवारों व समर्थकों पर पथराव किये गये. इस घटना में तृणमूल का एक कार्यकर्ता घायल हो गया.
भांगड़ में माहौल खराब कर रही तृणमूल : आईएसएफ
हालांकि, आईएसएफ की ओर से इस आरोप को आधारहीन करार देते हुए पलटवार करते हुए दावा किया गया कि तृणमूल की ओर से ही भांगड़ का माहौल अशांत किया जा रहा है. आइएसएफ के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल करने में बाधा दी गयी है. भांगड़ के विधायक व आइएसएफ के नेता नौशाद सिद्दिकी ने आरोप लगाया कि तृणमूल समर्थित उपद्रवी उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने के लिए गत मंगलवार से हिंसा पर उतारू हैं. इधर, तृणमूल के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि आइएसएफ इलाके में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है. सत्तापक्ष ने विपक्षी दलों से अपने उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी करने को भी कहा, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें नामांकन दाखिल करने में मदद मिल सके.
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गौरतलब है कि गत मंगलवार को भी भांगड़ में जमकर हिंसा हुई थी. घटना का जिम्मेवार आईएसएफ और तृणमूल कांग्रेस ने एक-दूसरे को ठहराया है. हिंसा में काशीपुर थाने के सब-इंस्पेक्टर सलीम मिर्जा व अन्य कुछ पुलिसकर्मियों सहित कई घायल हो गये. काफी मशक्कत और घंटों बाद पुलिस हालात नियंत्रित कर पाने में सफल रही. इस घटना में पुलिस ने करीब 30 लोगों को हिरासत में लिया है.