जलपाईगुड़ी : पश्चिम बंगाल (West Bengal) के जलपाईगुड़ी (Jalpaiguri) सुधार गृह में जमानत की मांग करते हुए कैदियों के एक समूह ने शनिवार (18 अप्रैल, 2020) को हिंसक प्रदर्शन (Violent Protest) किया. अधिकारियों ने बताया कि सुधार गृह के आठ वार्डों में 750 कैदी हैं. इनमें से 50-60 कैदी कोविड-19 संकट (Covid19 Crisis) पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के निर्देश का हवाला देकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
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दरअसल, 23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे कोविड19 महामारी के मद्देनजर जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने के लिए उच्चस्तरीय समितियों का गठन करें, जो सात साल तक की कैद की सजा काट रहे कैदियों और विचाराधीन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत देने पर विचार करेगी.
जलपाईगुड़ी जेल के मुख्य अनुशासन अधिकारी असीम आचार्य ने कहा कि पुलिकर्मी जेल के मुख्य क्षेत्र में प्रवेश का प्रयास कर रहे हैं, जिसके दरवाजे को कैदियों ने अंदर से बंद कर रखा है. उन्होंने कहा कि वे अंदर से पत्थर फेंक रहे हैं, हालांकि अभी तक कोई घायल नहीं हुआ है. अधिकारियों ने कहा कि जेल के चारों ओर पुलिसकर्मी तैनात कर दिये गये हैं.
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए और कोविड-19 परीक्षणों की संख्या बढ़ाने की मांग करते हुए शनिवार को यहां प्रदर्शन करने पर माकपा के प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा समेत शीर्ष वाम नेताओं को पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने को लेकर गिरफ्तार कर लिया.
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वाममोर्चा के अध्यक्ष विमान बोस की अगुवाई में नेताओं ने रेड रोड इलाके में प्रदर्शन किया और मांग की कि सरकार सार्वजनिक विरतण प्रणाली में समस्याओं का हल करने के लिए तत्काल कदम उठाये तथा हर परिवार तक राशन सुनिश्चित करे.
माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा, ‘हम यहां प्रदर्शन करने आये हैं, क्योंकि राज्य के कई हिस्सों में गरीब लोगों को राशन नहीं मिल रहा है और वे भूखे मर रहे हैं. राज्य सरकार की केवल मुद्दा छिपाने में रुचि है. हम चाहते हैं कि समस्या का समाधान करने के लिए प्रशासन तत्काल कदम उठाये और हर व्यक्ति तक राशन सुनिश्चित करे.’