झारखंड: तापिन साउथ कोलियरी में कोल डंप पर वर्चस्व को लेकर हिंसक झड़प, 4 लोग गंभीर, फूंक डाला पंडाल
हजारीबाग की तापिन साउथ कोलियरी रणक्षेत्र में तब्दील हो गयी. दोनों गुटों के बीच जमकर लाठी-डंडे चले एवं पत्थरबाजी हुई. इस दौरान पंडाल जला दिया गया. विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा की ओर से 185 दिनों से छह सूत्री मांगों को लेकर कोलियरी में धरना चल रहा था.
चरही (हजारीबाग), आनंद सोरेन. सीसीएल हजारीबाग कोयला क्षेत्र की तापिन साउथ कोलियरी देखते-देखते रणक्षेत्र में तब्दील हो गयी. सोमवार की दोपहर तापिन साउथ कोल परियोजना में कोल डंप पर वर्चस्व को लेकर दो गुटों में हिंसक झड़प हो गयी. इसमें चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि दर्जनों लोग चोटिल हैं. इस दौरान पंडाल भी जला दिया गया. आपको बता दें कि आंदोलन की सूचना प्रबंधन को पहले ही दे दी गयी थी. विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा की ओर से 19 फरवरी से चक्का जाम आंदोलन किया जा रहा था.
लाठी-डंडे चले, हुई पत्थरबाजी
हजारीबाग की तापिन साउथ कोलियरी रणक्षेत्र में तब्दील हो गयी. दोनों गुटों के बीच जमकर लाठी-डंडे चले एवं पत्थरबाजी हुई. इस दौरान पंडाल जला दिया गया. विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा की ओर से 185 दिनों से छह सूत्री मांगों को लेकर कोलियरी में धरना चल रहा था. मोर्चा की ओर से दो दिन पूर्व भी प्रबंधन को आंदोलन के लिए लिखित सूचना दी गयी थी. 19 फरवरी से मोर्चा की ओर से चक्का जाम आंदोलन किया जा रहा था.
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आवागमन रहा बाधित
हजारीबाग जिले की सीसीएल तापिन साउथ परियोजना में लोकल सेल को लेकर दो गुटों में सोमवार दोपहर मारपीट की घटना हुई. घटना तापिन साउथ परियोजना चेकपोस्ट के बाहर घटी. विस्थापित प्रभावित मोर्चा ने कोयला ढुलाई कार्य को 19 फरवरी से बंद करा दिया था. वहां लोकल सेल में भागीदारी को लेकर पिछले 187 दिनों से विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा छह सूत्री मांगों को लेकर धरना दे रहा था. इसी बीच सोमवार दोपहर को कुछ लोग वहां आकर पंडाल में तोड़फोड व आगजनी करने लगे. मामला काफी बिगड़ गया. पंडाल जलाने के विरोध में गुस्साकर आंदोलनकारियों ने परियोजना कार्यालय में पथराव कर किया. इसमें एक कार का शीशा टूट गया. दर्जनभर महिला-पुरुष घायल हो गये. लोगों ने चरही घाटो रोड के 45 कांटा स्थित चेक पोस्ट का बैरियर गिरा कर सड़क पर ही धरने पर बैठ गये. आवागमन पूरी तरह से बाधित रहा. इसमें घटो, परेज़, केदला, तापिन नॉर्थ, से कोयला लोड दर्जनों ट्रक और हाईवा जाम में ही फंसे रहे. सोमवार साप्ताहिक बाजार में आनेवाले लोग भी फंस गये. आंदोलनकारियों ने पंडाल जलाने का आरोप रैयत विस्थापित फुसरी पर लगाया है, जबकि आरोपी गुट ने इस आरोप को निराधार बताया है.
घटना के बाद क्षेत्र छावनी में तब्दील
धीरे-धीरे 45 कांटा में पुसिल छावनी में तब्दील हो गयी. चरही थाना प्रभारी देवेन्द्र कुमार दल- बल के साथ मौजूद थे. घटना की जानकारी चुरचू अंचल अधिकारी को मिलते ही चुरचू अंचल ने दंडाधिकारी के रूप में इदरीश अंसारी को प्रतिनियुक्त कर भेजा. चुरचू थाना प्रभारी इंद्रदेव रजवार, मुफस्सिल थाना प्रभारी बजरंग महतो, एसडीपीओ अनुज उरांव, पुलिस निरीक्षक महेन्द्र प्रसाद सिंह घटना स्थल पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली. दोनों गुटों ने एक दूसरे पर आरोप लगाया. परियोजना कार्यालय के गेट के सामने रैयत विस्थापित मोर्चा के सैकड़ों महिला-पुरुष ग्रामीण नारेबाजी करते हुए पारंपारिक हथियार (तीर-धनुष) से लैस थे. वहीं दूसरी ओर विस्थापित मोर्चा का नेतृत्व अध्यक्ष शिवलाल महतो, देवकी महतो, चोलेश्वर महतो, रौशनी देवी, शक्ति देवी कर रहे थे. इस मामले को लेकर एसडीपीओ अनुज उरांव ने बताया कि जो भी आवेदन आयेगा, उस पर कार्रवाई होगी. पीओ कार्यालय में पत्थरबाजी भी हुई है. सड़क बाधित करना सही नहीं है.