मनोज लाल, रांची : सरकार ने सरकारी आवासों पर होनेवाले अनाप-शनाप खर्च पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाया है. इस तरह अब यहां अति विशिष्ट लोगों के आवासों पर अनावश्यक अधिक खर्च नहीं किया जा सकेगा. मंत्री, विधायक और अफसर कोई भी अपनी मर्जी से आवासों पर मनमाना खर्च नहीं करा सकेंगे. आवासों पर सारा काम नियम के मुताबिक ही होगा. इतना ही नहीं, नीचे से लेकर ऊपर तक किस टाइप के आवास पर कितना खर्च होगा, यह भी नये नियम में रहेगा.
उससे अधिक की राशि खर्च नहीं की जा सकेगी. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद यह तय किया जा रहा है कि किस टाइप के आवास पर कितना खर्च किया जाये. इ टाइप, एफ टाइप से लेकर मंत्री-विधायकों व अफसरों के आवासों की मरम्मत के लिए राशि तय की जा रही है. सरकार इसे लेकर नया नियम बनाने जा रही है. उस नियम के मुताबिक ही सारे काम होंगे. जल्द ही इसे कैबिनेट की बैठक से स्वीकृत कराया जायेगा.
टाइम फ्रेम होगी मरम्मत : साधारण मरम्मत का कार्य जरूरत के मुताबिक कराया जायेगा. अचानक जरूरत पड़ने पर किसी के भी आवास की मरम्मत का कार्य कराया जायेगा. वार्षिक मरम्मत के लिए खर्च का दायरा भी तय किया जा रहा है. हर साल आवासों में क्या मरम्मत के कार्य कराने हैं, इसकी सूची व राशि दोनों तय की जायेगी. वहीं विशेष मरम्मत के कार्य हर पांच साल में कराये जायेंगे. हर पांच साल में नयी सरकार व नये मंत्री आयेंगे, इसे देखते हुए तय समय में विशेष मरम्मत के कार्य कराये जा सकेंगे. इसकी राशि भी तय की जा रही है.
इंजीनियरों पर दबाव नहीं डाला जा सकेगा : नये नियम के लागू हो जाने पर अब अति विशिष्ट लोगों की ओर से आवासों पर मनमाना खर्च नहीं कराया जा सकेगा. इंजीनियरों पर काम कराने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकेगा. नये नियम की वजह से सब पर अंकुश लगेगा.
इनके आवासों के मामले में नया नियम लागू नहीं होगा : नया नियम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के अावासों के मामले में लागू नहीं होगा. मुख्यमंत्री की अनुमति लेकर इनके आवासों पर खर्च कराया जा सकेगा.
-
खर्च पर अंकुश लगाने के लिए उठाया कदम
-
नये नियम का प्रस्ताव जल्द जायेगा कैबिनेट
-
सारे सरकारी आवासों की मरम्मत के
-
लिए तय हो जायेगी राशि व समय सीमा
सीएम ने खर्च का हिसाब मांगा : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पांच साल के दौरान वीआइपी लोगों के आवासों पर हुए खर्च का हिसाब मांगा है. उन्होंने भवन निर्माण विभाग से पूरा खर्च का ब्योरा देने को कहा है. सरकार को यह सूचना मिली थी कि कुछ महत्वपूर्ण लोगों के आवासों की मरम्मत और साज-सजावट के नाम पर आवश्यकता से अधिक खर्च किये गये हैं. कई अफसरों के आवासों पर सरकार की बड़ी राशि खर्च हुई है. रिपोर्ट आने पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी.