विश्व भारती के अधिकारियों ने शांतिनिकेतन में ‘जेल जैसा माहौल’ बनाया, बोले रवींद्रनाथ टैगोर के परिजन
शांतिनिकेतन में दीवार खड़ी करने के विवाद पर अब विश्व भारती की स्थापना करने वाले कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के परिजनों का भी बयान आ गया है. कवि गुरु के परिजनों समेत कई जाने-माने लोगों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ पत्र लिखा है.
कोलकाता : शांतिनिकेतन में दीवार खड़ी करने के विवाद पर अब विश्व भारती की स्थापना करने वाले कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के परिजनों का भी बयान आ गया है. कवि गुरु के परिजनों समेत कई जाने-माने लोगों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ पत्र लिखा है.
इस पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है कि वह एक सदी पुराने विरासत मार्ग को अपने अधिकार में ले लें, क्योंकि उन्हें ऐसा डर है कि इस तक पहुंच को अवरुद्ध किया जा सकता है. कलाकार नंदलाल बोस के परिवार के एक सदस्य समेत 40 हस्तियों ने यह खत लिखा है.
खत में कहा गया है कि शांतिनिकेतन के कई हिस्सों में ऊंची-ऊंची चाहरदीवारी तथा ‘जेल जैसा जो माहौल बनाया गया है’ उसे देखते हुए ऐसी आशंका है कि रवींद्रनाथ टैगोर ने जिस श्रीनिकेतन गांव का सपना देखा था, उसे विश्व भारती से जोड़ने वाली तीन किलोमीटर लंबी सड़क भी जनता के लिए बंद कर दी जायेगी और उसके स्थान पर एक नयी सड़क बना दी जायेगी.
बांग्ला भाषा में लिखे इस पत्र में कहा गया है, ‘इस पुराने मार्ग से लगते हिस्से पर आठ से नौ फुट ऊंची इस दीवार का निर्माण पूरा होने को है, जहां पर अमर्त्य सेन, क्षिति मोहन सेन और नंदलाल बोस जैसे विद्वानों के आवास भी हैं.’
इसमें कहा गया है कि शांतिनिकेतन तथा श्रीनिकेतन के बीच आवाजाही के लिए यदि वैकल्पिक मार्ग बना दिया जायेगा, तो पुराने मार्ग को विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारी बंद कर देंगे, क्योंकि विश्वविद्यालय के अधिकारी ऐसी परियोजनाओं को एकतरफा ढंग से चला रहे हैं और इस पर आपत्तियों की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. इस बारे में विश्व भारती के अधिकारियों ने कोई टिप्पणी नहीं की है.
Posted By : Mithilesh Jha