Mamta Banerjee vs VBU: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर अवैध रूप से जमीन कब्जा करने का मामला अब राजनीतिक में अब जमकर राजनीति हो रही है . अब इस मामले में विश्व भारती यूनिवर्सिटी ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर कहा कि ‘विश्व भारती एक केंद्रीय यूनिवर्सिटी है. हम आपके आशीर्वाद के बिना बेहतर हैं. क्योंकि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के आदी है’. विश्व भारती यूनिवर्सिटी द्वारा दिए गए इस बयान पर प्रवक्ता महुआ बनर्जी ने अपना हस्ताक्षर किया है.
इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्व भारती यूनिवर्सिटी पर निशाना साधा था. दरअसल, यूनिवर्सिटी ने नोबेल पुरस्कार विनर अमर्त्य सेन पर अवैध रूप से जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था. सीएम ने इसे लेकर ही विश्वविद्यालय को लताड़ लगाते हुए और सरकार के रिकॉर्ड को दिखाते हुए कहा था कि ‘यह जमीन वास्तव में अमर्त्य सेन के पिता आशुतोष सेन को दी गई थी. ऐसे में यूनिवर्सिटी द्वारा अमर्त्य सेन पर लगाए जा रहे अवैध जमीन कब्जाने के आरोप निराधार हैं’.
ममत बनर्जी ने इस दौरान यह भी कहा कि ‘मैं जानकारी के साथ सच बताना चाहती हूं इसिलिेए मैं यहां आई हूं. अमर्त्य सेन की हुई बेइज्जती को देखते हुए मैं यह सरकारी रिकॉर्ड के कागजात उन्हें सौंप रही हूं. बीजेपी को भविष्य में अमर्त्य सेन की बेइज्जती करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए’.
ममता बनर्जी ने कहा कि ‘विश्वभारती यूनिवर्सिटी को अपने संस्थान चलाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्हें भगवाकरण करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए’. सीएम ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का नाम लिए बिना कहा कि ‘अमर्त्य सेन का जो अनादर करते हैं वहीं उनके नोबेल प्राइज पर सवाल उठाते हैं’.
आपको बता दें कि यूनिवर्सिटी के वीसी विद्युत चक्रवर्ती ने इससे पहले कहा था कि ‘हमने अमर्त्य सेन को एक लेटर सौंपा है. हमारा आरोप लैंड डीड के अनुसार है उन्हें जो जमीन आवंटित की गई थी वह 1.25 एकड़ है पर सेन 1.38 का दावा करते हैं. वहीं इस मामले में बीजेपी के महसचिव दिलीप घोष ने कहा कि ‘अमर्त्य सेन को कई लोगों के आदर्श हैं और उन्हें इस तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहिए. अगर इसमें कोई सच्चाई है तो उन्हें खुद सामने आकर इसकी घोषणा करनी चाहिए.