Vishwakarma Puja 2020 : 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की पूजा, जानिये क्यों है यह दिन खास

17 सितंबर (गुरुवार) को शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा है. दिन के 10:19 बजे सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद भगवान की पूजा-अर्चना शुरू हो जायेगी. इस दिन शाम 4:55 बजे तक अमावस्या है, जिसके बाद से पुरुषोत्तम मास शुरू हो जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2020 7:42 AM

रांची : 17 सितंबर (गुरुवार) को शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा है. दिन के 10:19 बजे सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद भगवान की पूजा-अर्चना शुरू हो जायेगी. इस दिन शाम 4:55 बजे तक अमावस्या है, जिसके बाद से पुरुषोत्तम मास शुरू हो जायेगा. इसके बाद सभी शुभ कार्य बंद हो जायेंगे. 16 अक्तूबर को स्नानदान श्राद्ध की अमावस्या होगी. इसी दिन इस मास का समापन होगा. 17 अक्तूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो जायेगा.

17 सितंबर को श्राद्ध की अमावस्या : विश्वकर्मा पूजा के दिन ही श्राद्ध की अमावस्या भी है. इसी दिन पितृपक्ष का समापन हो जायेगा. जिस किसी भी जातक को अपने माता-पिता अथवा सगे संबंधियों की मृतक की तिथि मालूम नहीं है, वह इस दिन तर्पण करेंगे. इससे उनके पितर तृप्त हो जायेंगे.

सादगी के साथ होगी भगवान की पूजा : इस बार सादगी के साथ भगवान की पूजा-अर्चना की जायेगी. सरकार की ओर से छूट नहीं मिलने के कारण बड़े-बड़े पंडाल नहीं बनाया जा रहे हैं और न ही बड़े स्तर पर पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसके अलावा भोग वितरण और प्रीतिभोज भी नहीं होंगे.

इधर, संतान की लंबी आयु, आरोग्य और सुखमयी जीवन के लिए महिलाओं ने गुरुवार को जितिया का व्रत रखा. जीमूत वाहन देवता और महालक्ष्मी की पूजा की. मंदिर बंद होने के कारण अधिकतर व्रतियों ने घर में ही पूजा-अर्चना की. पूजा के बाद व्रत की कथा सुनी और लोक गीत के माध्यम से देवी-देवता का ध्यान किया. इससे पहले प्रातः स्नान ध्यान के बाद पूजा की गयी.

प्रातः कालीन पूजा संपन्न होने के बाद व्रतियों ने पकवान तैयार किया. घरों को अल्पना आदि से सजाया गया. इसके बाद टोकरी में फल-फूल और पकवान सजाकर भगवान को अर्पित किये. आज सूर्योदय के बाद भगवान की पूजा अर्चना कर व्रत धारी विभिन्न व्यंजनों को भगवान को समर्पित करते हुए भोग लगायेंगी. सबकी मंगल कामना के लिए प्रार्थना करते हुए प्रसाद वितरण कर पारण करेंगी.

Post by : Pritish Sahay

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