Vishwakarma Puja 2021: कल है विश्वकर्मा पूजा, जानें पूजा मुहूर्त और इस दिन का महत्व
When is vishwakarma puja in 2021: देवताओं के शिल्पी, निर्माण और सृजन के देवता कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर वर्ष सितंबर माह में की जाती है. इस साल 17 सितंबर दिन शुक्रवार को विश्वकर्मा पूजा या भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाएगी.
When is vishwakarma puja in 2021: देवताओं के शिल्पी, निर्माण और सृजन के देवता कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर वर्ष सितंबर माह में की जाती है. इस साल 17 सितंबर दिन शुक्रवार को विश्वकर्मा पूजा या भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाएगी. विश्वकर्मा पूजा के दिन विशेष तौर पर औजारों, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों, दुकानों, कारखानों आदि की पूजा की जाती है. आइए जानते है ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी से विश्वकर्मा पूजा से जुड़ी पूरी जानकारी…
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, व्यापार में तरक्की और उन्नति होती है, जो भी कार्य प्रारंभ किए जाते हैं, वे पूरे होते हैं. भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है. जागरण अध्यात्म में जानते हैं कि इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा कब है, पूजा का मुहूर्त क्या है?
विश्वकर्मा पूजा 2021
हर वर्ष की तरह इस बार भी विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर दिन शुक्रवार को है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में विश्वकर्मा पूजा की जाएगी. विश्वकर्मा पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06 बजकर 07 मिनट से अगले दिन 10 सितंबर को प्रात: 03 बजकर 36 मिनट तक बना रहेगा.
जानें अब तक 17 सितंबर को ही क्यों की जाती रही है विश्वकर्मा पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर वर्ष विश्वकर्मा पूजा सूर्य की कन्या संक्रांति पर की जाती है. इस वर्ष 17 सितंबर की रात 01 बजकर 29 मिनट पर सूर्य की कन्या संक्रांति का क्षण है. इस दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक है. राहुकाल को छोड़कर आप विश्वकर्मा पूजा करें. हालांकि सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 07 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, तो आप इस समय से पूजा कर सकते हैं.
कौन हैं भगवान विश्वकर्मा
मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा पहले वास्तुकार और इंजीनियर हैं. इन्होंने स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, द्वारिका नगरी, यमपुरी, कुबेरपुरी आदि का निर्माण किया था. उन्होंने इस संसार की रचना में ब्रह्मा जी की मदद की थी. इस संसार का मानचित्र तैयार किया था.
Posted by: Radheshyam Kushwaha