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Vishwakarma Puja 2023 Live: विश्वकर्मा पूजा आज, जानें पूजा विधि, सामग्री और पूरी जानकारी

Vishwakarma Puja 2023 Live: आज विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है विश्वकर्मा भगवान की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती हैं. विश्वकर्मा जी ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र और सृष्टि के पहले शिल्पकार और इंजीनियर थे. भगवान विश्वकर्मा जी ने ही देवी-देवताओं के लिए तमाम अस्त्र-शस्त्र समेत स्वर्गलोक, इंद्रलोक, लंका नगरी, द्वारिका नगरी आदि का निर्माण किया था. आइए जानते है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूरी जानकारी...

By Radheshyam Kushwaha | September 17, 2023 5:48 PM

मुख्य बातें

Vishwakarma Puja 2023 Live: आज विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है विश्वकर्मा भगवान की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती हैं. विश्वकर्मा जी ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र और सृष्टि के पहले शिल्पकार और इंजीनियर थे. भगवान विश्वकर्मा जी ने ही देवी-देवताओं के लिए तमाम अस्त्र-शस्त्र समेत स्वर्गलोक, इंद्रलोक, लंका नगरी, द्वारिका नगरी आदि का निर्माण किया था. आइए जानते है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूरी जानकारी…

लाइव अपडेट

Vishwakarma Puja 2023 live  : ॐ आधार शक्तपे नम:

विश्वकर्मा जी की पूजा के दौरान हाथ में फूल अक्षत लेकर ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम मंत्र पढ़ें और चारो ओर छिड़कें.

Vishwakarma Puja 2023 live  : ॐ आधार शक्तपे नम

विश्वकर्मा जी की पूजा के दौरान हाथ में फूल अक्षत लेकर ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम मंत्र पढ़ें और चारो ओर छिड़कें.

Vishwakarma Puja 2023 live  : विश्वकर्मा जी के स्वरूपों का वर्णन

धार्मिक शास्त्रों में विश्वकर्मा जी के पांच स्वरूपों या अवतारों का भी वर्णन मिलता है, जैसे, पहला, विराट विश्वकर्मा, इन्हें सृष्टि को रूप-आकार देने वाला कहा गया है. दूसरा, धर्मवंशी विश्वकर्मा, जो महान शिल्पज्ञ, विज्ञान-विधाता प्रभात के पुत्र हैं. तीसरे, अंगिरावंशी विश्वकर्मा, विज्ञान-व्याख्याता वसु के पुत्र. चौथे, सुधन्वा विश्वकर्मा, महान शिल्पाचार्य ऋषि अथवी के पुत्र और पांचवें भृगुवंशी विश्वकर्मा, उत्कृष्ट शिल्प विज्ञानी शुक्राचार्य के पौत्र के रूप में उल्लिखित हैं

Vishwakarma Puja 2023 live  : विश्वकर्मा पूजा मंत्र

ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै

Vishwakarma Puja 2023 live  : भगवान विश्वकर्मा की जय

हम सब उतारे आरती तुम्हारी हे विश्वकर्मा, हे विश्वकर्मा।

युग–युग से हम हैं तेरे पुजारी, हे विश्वकर्मा...।।

मूढ़ अज्ञानी नादान हम हैं, पूजा विधि से अनजान हम हैं।

भक्ति का चाहते वरदान हम हैं, हे विश्वकर्मा...।।

निर्बल हैं तुझसे बल मांगते, करुणा का प्यास से जल मांगते हैं।

श्रद्धा का प्रभु जी फल मांगते हैं, हे विश्वकर्मा...।।

चरणों से हमको लगाए ही रखना, छाया में अपने छुपाए ही रखना।

धर्म का योगी बनाए ही रखना, हे विश्वकर्मा...।।

सृष्टि में तेरा है राज बाबा, भक्तों की रखना तुम लाज बाबा।

धरना किसी का न मोहताज बाबा, हे विश्वकर्मा...।।

धन, वैभव, सुख–शान्ति देना, भय, जन–जंजाल से मुक्ति देना।

संकट से लड़ने की शक्ति देना, हे विश्वकर्मा...।।

तुम विश्वपालक, तुम विश्वकर्ता, तुम विश्वव्यापक, तुम कष्टहर्ता।

तुम ज्ञानदानी भण्डार भर्ता, हे विश्वकर्मा...।।

भगवान विश्वकर्मा की जय। भगवान विश्वकर्मा की जय।

Vishwakarma Puja 2023 live  : विश्‍वकर्मा पूजा करना सभी के लिए जरूरी

कलियुग में भगवान विश्‍वकर्मा की पूजा इसलिए जरूरी मानी गई है, क्योंकि आज के युग में हर व्‍यक्ति तकनीक से जुड़ा हुआ है. वाहन, मोबाइल, टैब और लैपटॉप के बिना भी कोई काम संभव नहीं है. छात्र हों या फिर घरेलू महिलाएं सभी के जीवन में तकनीक का खास महत्‍व है. इसलिए 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को विश्‍वकर्मा पूजा करना सभी के लिए जरूरी है

Vishwakarma Puja 2023: विश्वकर्मा भगवान कौन है?

विश्वकर्मा भगवान सभी शिल्पकारों और वास्तुकारों के इष्टदेव हैं. ब्रह्मा के पुत्र और संपूर्ण ब्रह्मांड के दिव्य शिल्पकार है. भगवान विश्‍वकर्मा ने ही इंद्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, लंका और जगन्‍नाथपुरी का निर्माण करवाया था. इसके साथ ही भगवान शिव का त्रिशूल और विष्‍णु भगवान का सुदर्शन चक्र भी तैयार किया था.

Vishwakarma Puja 2023: भगवान विश्वकर्मा ने किया था ब्रह्मांड का निर्माण

विश्वकर्मा पूजा एक ऐसा त्योहार है, जहां शिल्पकार, कारीगर, श्रमिक भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया था. विश्वकर्मा को देवताओं के महलों का वास्तुकार भी कहा जाता है.

Vishwakarma Puja 2023:  विश्वकर्मा पूजा का मंत्र क्या है?

विश्वकर्मा जी की पूजा के दौरान हाथ में फूल अक्षत लेकर ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम मंत्र पढ़ें और चारो ओर छिड़कें.

Vishwakarma Puja 2023: विश्वकर्मा पूजा के बाद इन बातों का रखें ध्यान

इन पूजन सामग्री के बिना कोई भी पूजा-पाठ या हवन अधूरा माना जाता है. अक्सर पूजा के बाद थोड़ी बहुत पूजन सामग्री बच ही जाती है. आमतौर पर लोग बची पूजन सामग्री को या तो मंदिर में रख देते हैं या फिर बहते जल में प्रवाहित कर देते हैं.

Vishwakarma Puja 2023:  विश्वकर्मा पूजा कब और कैसे करें?

भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के लिए आपको सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. शुभ मुहूर्त में भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठ जाएं और उसके बाद सबसे पहले गंगाजल से मूर्ति या उनके चित्र को स्नान कराएं और उसके बाद अक्षत, रोली, हल्दी, चंदन, फूल, रोली, मौली, फल-फूल, धूप-दीप, मिष्ठान आदि अर्पित करें. फिर पूजा में घर में रखा लोहे का सामान और मशीनों को शामिल करें. पूजा करने वाली चीजों पर हल्दी और चावल लगाएं. इसके बाद पूजा में रखे कलश को हल्दी लगा कर रक्षासूत्र बांधे. इसके बाद ॐ विश्वकर्मणे नमः मंत्र का 108 बार जप करें. फिर विश्वकर्मा जी की आरती करें. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा को चढ़ाया गया प्रसाद सभी लोगों को बांट दें और स्वयं भी ग्रहण करें.

Vishwakarma Puja 2023: विश्कर्मा पूजा 2023 मुहूर्त

  • सुबह का मुहूर्त - 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को सुबह 07 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक

  • दोपहर का मुहूर्त - 17 सितंबर 2023 दिन रविवार दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक

Vishwakarma Puja 2023: विश्कर्मा पूजा शुभ योग

  • सर्वार्थ सिद्धि योग - 17 सितंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक

  • द्विपुष्कर योग - 17 सितंबर 2023 को सुबह 10 बजकर 02 मिनट से सुबह 11 बजकर 08 मिनट तक

  • ब्रह्म योग - 17 सितंबर 2023 को प्रात: 04 बजकर 13 मिनट से 18 सितंबर 2023 को सुबह 04 बजकर 28 मिनट तक

  • अमृत सिद्धि योग - 17 सितंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक

  • हस्त्र नक्षत्र- 17 सितंबर को हस्त्र नक्षत्र सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक है और उसके बाद से चित्रा नक्षत्र है.

Vishwakarma Puja Samagri : विश्वकर्मा पूजा सामग्री

सुपारी, रोली, पीला अष्टगंध चंदन, हल्दी, लौंग, मौली, लकड़ी की चौकी, पीला कपड़ा, मिट्‌टी का कलश, नवग्रह समिधा, जनेऊ, इलायची, इत्र, सूखा गोला, जटा वाला नारियल, धूपबत्ती, अक्षत, धूप, फल, मिठाई, बत्ती, कपूर, देसी घी, हवन कुण्ड, आम की लकड़ी, दही, फूल आदि पूजन सामग्री में शामिल करें.

Vishwakarma Puja 2023: विश्वकर्मा पूजा में क्या करना चाहिए?

कारीगर और श्रमिक भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति के पास इकट्ठा होते हैं और प्रार्थना करते हैं, अपने काम में सफलता, समृद्धि और सुरक्षा के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं. विश्वकर्मा पूजा के दौरान प्रसाद जरूर चढ़ाए. इसके बाद पारंपरिक प्रसाद में फूल, फल, मिठाइयां और अन्य वस्तुएं शामिल होती हैं, जिन्हें शुभ माना जाता है.

Vishwakarma Puja Aarti: विश्वकर्मा पूजा के दौरान जरूर पढ़ें ये आरती, इसके बिना पूजा रह जाएगी अधूरी

Vishwakarma Puja 2023 : विश्वकर्मा पूजा कितने बजे करना चाहिए?

पंचांग के अनुसार विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2023 को है. वैसे तो देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा दिन भर की जाएगी, लेकिन इनकी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 17 सितंबर की सुबह 10 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.

Vishwakarma Puja 2023 : भगवान विश्वकर्मा पूजा मंत्र 

ॐ आधार शक्तपे नम:,

ओम कूमयि नम:,

ओम अनन्तम नम:,

पृथिव्यै नम:

Vishwakarma Puja 2023 : भगवान विश्वकर्मा की आरती

हम सब उतारे आरती तुम्हारी हे विश्वकर्मा, हे विश्वकर्मा।

युग–युग से हम हैं तेरे पुजारी, हे विश्वकर्मा...।।

मूढ़ अज्ञानी नादान हम हैं, पूजा विधि से अनजान हम हैं।

भक्ति का चाहते वरदान हम हैं, हे विश्वकर्मा...।।

निर्बल हैं तुझसे बल मांगते, करुणा का प्यास से जल मांगते हैं।

श्रद्धा का प्रभु जी फल मांगते हैं, हे विश्वकर्मा...।।

चरणों से हमको लगाए ही रखना, छाया में अपने छुपाए ही रखना।

धर्म का योगी बनाए ही रखना, हे विश्वकर्मा...।।

सृष्टि में तेरा है राज बाबा, भक्तों की रखना तुम लाज बाबा।

धरना किसी का न मोहताज बाबा, हे विश्वकर्मा...।।

धन, वैभव, सुख–शान्ति देना, भय, जन–जंजाल से मुक्ति देना।

संकट से लड़ने की शक्ति देना, हे विश्वकर्मा...।।

तुम विश्वपालक, तुम विश्वकर्ता, तुम विश्वव्यापक, तुम कष्टहर्ता।

तुम ज्ञानदानी भण्डार भर्ता, हे विश्वकर्मा...।।

भगवान विश्वकर्मा की जय। भगवान विश्वकर्मा की जय।

Vishwakarma Puja 2023 :  किसका अवतार हैं विश्वकर्मा जी ?

धार्मिक शास्त्रों में विश्वकर्मा जी के पांच स्वरूपों या अवतारों का भी वर्णन मिलता है, जैसे, पहला, विराट विश्वकर्मा, इन्हें सृष्टि को रूप-आकार देने वाला कहा गया है. दूसरा, धर्मवंशी विश्वकर्मा, जो महान शिल्पज्ञ, विज्ञान-विधाता प्रभात के पुत्र हैं. तीसरे, अंगिरावंशी विश्वकर्मा, विज्ञान-व्याख्याता वसु के पुत्र. चौथे, सुधन्वा विश्वकर्मा, महान शिल्पाचार्य ऋषि अथवी के पुत्र और पांचवें भृगुवंशी विश्वकर्मा, उत्कृष्ट शिल्प विज्ञानी शुक्राचार्य के पौत्र के रूप में उल्लिखित हैं

Vishwakarma Puja 2023 : विश्वकर्मा पूजा का मतलब  

विश्‍वकर्मा जयंती हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है. इस दिन पौराणिक काल के इंजीनियर माने जाने वाने भगवान विश्‍वकर्मा की पूजा की जाती है. इस अवसर पर सभी कामगार वर्ग के लोग, कुशल, कारीगर और फैक्ट्रियों के मजदूर विश्‍वकर्माजी की पूजा करते हैं.

Vishwakarma Puja 2023 : विश्वकर्मा पूजा कितने बजे करना चाहिए?

पंचांग के अनुसार विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी. वैसे तो देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा दिन भर की जाएगी, लेकिन इनकी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 17 सितंबर की सुबह 10 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.

Vishwakarma Puja 2023: घर पर विश्वकर्मा पूजा कैसे करें?

17 सितंबर को सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहन लें. फिर भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें. पूजा सामग्री में हल्दी, अक्षत, फूल, पान, लौंग, सुपारी, मिठाई, फल, दीप और रक्षासूत्र शामिल करें. पूजा के दौरान घर में रखे लोहे का सामान और मशीनों को शामिल करें.

Vishwakarma Puja 2023: विश्वकर्मा पूजन विधि

  • - सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहन लें.

  • - फिर भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें.

  • - पूजन सामग्री में हल्दी, अक्षत, फूल, पान, लौंग, सुपारी, मिठाई, फल, दीप और रक्षासूत्र जरूर शामिल करें.

  • - पूजा में घर में रखा लोहे का सामान और मशीनों की पूजा करें.

  • - पूजा करने वाली चीजों पर हल्दी और चावल जरूर लगाएं.

Vishwakarma Puja 2023 Live: विश्वकर्मा भगवान कौन है?

विश्वकर्मा भगवान सभी शिल्पकारों और वास्तुकारों के इष्टदेव हैं. ब्रह्मा के पुत्र और संपूर्ण ब्रह्मांड के दिव्य शिल्पकार है. भगवान विश्‍वकर्मा ने ही इंद्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, लंका और जगन्‍नाथपुरी का निर्माण करवाया था. इसके साथ ही भगवान शिव का त्रिशूल और विष्‍णु भगवान का सुदर्शन चक्र भी तैयार किया था.

Vishwakarma Puja 2023 Live: दुनिया के पहले इंजीनियर और वास्‍तुकार हैं भगवान विश्‍वकर्मा

भगवान विश्‍वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्‍तुकार माना जाता है. मान्यता है कि, भगवान विश्‍वकर्मा ने ही इंद्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्‍वर्गलोक, लंका और जगन्‍नाथपुरी का निर्माण करवाया था. इसके साथ ही भगवान शिव का त्रिशूल और विष्‍णु भगवान का सुदर्शन चक्र भी तैयार किया था. इसलिए सभी इंजीनियर और मशीनों से जुड़े लोग भगवान विश्‍वकर्मा को अपना भगवान मानते हैं.

Vishwakarma Puja 2023 Live: क्‍यों सबके लिए जरूरी है विश्‍वकर्मा पूजा?

कलियुग में भगवान विश्‍वकर्मा की पूजा इसलिए जरूरी मानी गई है, क्योंकि आज के युग में हर व्‍यक्ति तकनीक से जुड़ा हुआ है. वाहन, मोबाइल, टैब और लैपटॉप के बिना भी कोई काम संभव नहीं है. छात्र हों या फिर घरेलू महिलाएं सभी के जीवन में तकनीक का खास महत्‍व है. इसलिए 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को विश्‍वकर्मा पूजा करना सभी के लिए जरूरी है.

Vishwakarma Puja 2023 Live: 17 सितंबर को ही विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाया जाता है?

17 सितंबर को भगवान ब्रह्मा के सातवें पुत्र विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ था, जब ब्रह्मा जी ने इस संसार की रचना की थी तो उन्होंने इसको सजाने और संवारने का काम विश्वकर्मा जी को ही सौंपा था. इस संसार के पहले शिल्पकार थे.

Vishwakarma Puja 2023 Live: विश्कर्मा जी को समर्पित है 17 सितंबर का दिन

17 सितंबर का दिन विश्कर्मा भगवान को समर्पित है. इस दिन कारीगर अपने- अपने औजारों की साफ- सफाई करते है और विश्वकर्मा भगवान की पूजा करते है. इसके बाद प्रसाद बांटते है और स्वयं ग्रहण करते हैं.

Vishwakarma Puja 2023 Live: कन्या संक्रांति कब है.

कन्या संक्रांति 17 सितंबर 2023 को हैं. इस दिन भगवान विश्वकर्मा की धूमधाम से पूजा की जाती है. इस दिन सूर्य सिंह राशि से निकल कर कन्या राशि में गोचर करते हैं. मान्यता हैं कि कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था.

भगवान विश्वकर्मा की पूजा का मंत्र

ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:, ॐ अनन्तम नम:, ॐ पृथिव्यै नम:

Vishwakarma Puja 2023: विश्वकर्मा का पिता कौन था?

ब्रह्माजी के पुत्र धर्म तथा धर्म के पुत्र वास्तुदेव थे. विश्वकर्मा जी को देवी- देवताओं का शिल्पकार माना जाता है. इन्हीं वास्तुदेव की अंगिरसी नामक पत्नी से विश्वकर्मा का जन्म हुआ. अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए विश्वकर्मा भी वास्तुकला के महान आचार्य बने.

Vishwakarma Puja 2023: विश्वकर्मा पूजा पर क्या नहीं करना चाहिए?

विश्वकर्मा पूजा के दिन भूलकर भी किसी व्यक्ति को मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने वाले व्यक्ति को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए इस दिन हमें सात्विक भोजन ही करना चाहिए.

विश्वकर्मा पूजा के शुभ मुहूर्त कब है? (Puja Shubh Muhurat)

विश्वकर्मा पूजा का समय- 17 सितंबर को पूरे दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाएगी. लेकिन इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.

Vishwakarma Puja Vidhi: विश्वकर्मा पूजा कब और कैसे करें?

भगवान विश्वकर्मा की पूजा शुभ मुहूर्त में करना चाहिए. इसके लिए आपको सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद शुभ मुहूर्त में भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठ जाएं और उसके बाद सबसे पहले गंगाजल से मूर्ति या उनके चित्र को स्नान कराएं और उसके बाद अक्षत, रोली, हल्दी, चंदन, फूल, रोली, मौली, फल-फूल, धूप-दीप, मिष्ठान आदि अर्पित करें.

Vishwakarma Puja Samagri: पूजन सामग्री

पूजा में हल्दी, रोली, अक्षत, फल, फूल, मिठाई, दीप, रक्षासूत्र और नारियल, लौंग शामिल करें. इन पूजन सामग्री के बिना कोई भी पूजा-पाठ या हवन अधूरा माना जाता है. अक्सर पूजा के बाद थोड़ी बहुत पूजन सामग्री बच ही जाती है. आमतौर पर लोग बची पूजन सामग्री को या तो मंदिर में रख देते हैं या फिर बहते जल में प्रवाहित कर देते हैं.

Vishwakarma Puja 2023 shubh muhurat: विश्कर्मा पूजा 2023 मुहूर्त

सुबह का मुहूर्त - 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को सुबह 07 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक

दोपहर का मुहूर्त - 17 सितंबर 2023 दिन रविवार दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक

Vishwakarma Puja 2023 shubh yog: विश्वकर्मा पूजा 2023 शुभ योग

विश्वकर्मा पूजा के दिन 4 शुभ योग बन रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार करीब 50 साल बाद विश्वकर्मा पूजा के दिन कई दुर्लभ योग बन रहे है. इनमें अमृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और द्विपुष्कर योग शामिल हैं. वहीं हस्त्र नक्षत्र सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक है और उसके बाद से चित्रा नक्षत्र है. ये सभी शुभ योग आपके मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होंगे.

Vishwakarma Puja 2023 shubh yog: जानें कब से कब तक हैं शुभ योग

  • सर्वार्थ सिद्धि योग - 17 सितंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक

  • द्विपुष्कर योग - 17 सितंबर 2023 को सुबह 10 बजकर 02 मिनट से सुबह 11 बजकर 08 मिनट तक

  • ब्रह्म योग - 17 सितंबर 2023 को प्रात: 04 बजकर 13 मिनट से 18 सितंबर 2023 को सुबह 04 बजकर 28 मिनट तक

  • अमृत सिद्धि योग - 17 सितंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक

  • हस्त्र नक्षत्र- 17 सितंबर को हस्त्र नक्षत्र सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक है और उसके बाद से चित्रा नक्षत्र है.

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