Vishwakarma Ji Ki Aarti: विश्वकर्मा पूजा के दौरान जरूर पढ़ें ये आरती, इसके बिना पूजा रह जाएगी अधूरी

Vishwakarma Puja Aarti: धार्मिक मान्यता के अनुसार विश्‍वकर्मा जी देवताओं के वास्‍तुकार थे. विश्वकर्मा जी ने ही देवताओं के महल, हथियार और भवन बनाए थे. इस दिन औजारों, मशीनों और दुकानों की पूजा करते हैं. भगवान विश्वकर्मा की पूजा सृष्टि के सृजन करता के रूप में की जाती है.

By Radheshyam Kushwaha | September 14, 2024 11:23 AM

Vishwakarma ji ki Aarti : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने रावण की लंका, कृष्‍ण नगरी द्वारिका, पांडवों के लिए इंद्रप्रस्‍थ नगरी और हस्तिनापुर का निर्माण किया था. भगवान विश्वकर्मा की पूजा सृष्टि के सृजन करता के रूप में की जाती है. भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा के बाद आरती जरूर करती चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि बिना आरती के पूजा अधूरी मानी जाती है. आप अगर विश्कर्मा जी की पूजा करने जा रहे है तो यहां से आरती पढ़ सकते है.

Vishwakarma ji ki aarti: भगवान विश्वकर्मा की आरती-1

ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।

सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा ॥ ॐ जय…

आदि सृष्टि में विधि को, श्रुति उपदेश दिया।

शिल्प शस्त्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥ ॐ जय…

ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नही पाई।

ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥ ॐ जय…

रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।

संकट मोचन बनकर, दूर दुख कीना॥ ॐ जय…

जब रथकार दम्पती, तुमरी टेर करी।

सुनकर दीन प्रार्थना, विपत्ति हरी सगरी॥ ॐ जय…

एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।

द्विभुज, चतुर्भुज, दशभुज, सकल रूप साजे॥ ॐ जय…

ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।

मन दुविधा मिट जावे, अटल शांति पावे॥ ॐ जय…

श्री विश्वकर्मा जी की आरती, जो कोई नर गावे।

कहत गजानन स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे॥ ॐ जय…

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Vishwakarma Puja Aarti: भगवान विश्वकर्मा की आरती- 2

हम सब उतारे आरती तुम्हारी हे विश्वकर्मा, हे विश्वकर्मा।

युग–युग से हम हैं तेरे पुजारी, हे विश्वकर्मा…।।

मूढ़ अज्ञानी नादान हम हैं, पूजा विधि से अनजान हम हैं।

भक्ति का चाहते वरदान हम हैं, हे विश्वकर्मा…।।

निर्बल हैं तुझसे बल मांगते, करुणा का प्यास से जल मांगते हैं।

श्रद्धा का प्रभु जी फल मांगते हैं, हे विश्वकर्मा…।।

चरणों से हमको लगाए ही रखना, छाया में अपने छुपाए ही रखना।

धर्म का योगी बनाए ही रखना, हे विश्वकर्मा…।।

सृष्टि में तेरा है राज बाबा, भक्तों की रखना तुम लाज बाबा।

धरना किसी का न मोहताज बाबा, हे विश्वकर्मा…।।

धन, वैभव, सुख–शान्ति देना, भय, जन–जंजाल से मुक्ति देना।

संकट से लड़ने की शक्ति देना, हे विश्वकर्मा…।।

तुम विश्वपालक, तुम विश्वकर्ता, तुम विश्वव्यापक, तुम कष्टहर्ता।

तुम ज्ञानदानी भण्डार भर्ता, हे विश्वकर्मा…।।

भगवान विश्वकर्मा की जय। भगवान विश्वकर्मा की जय।

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