देश की राजधानी दिल्ली से रांची जा रहे विस्तारा की विमान को खराब मौसम की मार झेलनी पड़ी, जिसके वजह से रांची एयरपोर्ट पर विमान ने आसमान में ही कई चक्कर लगाए. जब काफी देर बाद भी विमान को रांची में उतरने की अनुमति नहीं मिली तो वाराणसी भेज दिया गया. वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर विमान को उतारने के बाद एप्रन में ही खड़ा रखा गया और यात्री भी उसी में बैठे रहे. रांची में मौसम ठीक होने पर विमान ने दोबारा उड़ान भरी और रांची पहुंचा. इसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली.
दरअसल, विस्तारा एयरलाइंस का विमान यूके 753 गुरुवार को दिल्ली से अपने निर्धारित समय से आधे घंटे की देरी से 6:30 बजे रांची के लिए उड़ान भरा था. रात 7:30 बचे विमान रांची हवाई परिक्षेत्र में पहुंच गया. रांची एटीसी से विमान चालक दल ने उतरने की अनुमति मांगी लेकिन मौसम खराब होने के कारण इजाजत नहीं मिली. करीब एक घंटे तक आसमान में चक्कर काटते हुए मौसम सामान्य होने का इंतजार किया.
इसके बाद चालक दल ने वाराणसी एयरपोर्ट से संपर्क कर विमान को उतारने की अनुमति मांगी. यहां अनुमति मिलने पर रात 8:30 बजे विमान को वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर उतार लिया गया. वाराणसी एयरपोर्ट पर विमान एप्रन में खड़ा रहा और यात्री उसी में बैठे रहे. रांची में मौसम ठीक होने पर विमान ने दोबारा उड़ान भरी.
वहीं, इस मामले में वाराणसी में विस्तारा एयरलाइंस की स्थानीय प्रबंधक निहारिका सिंह ने बताया की रांची मे मौसम ख़राब होने के कारण दिल्ली से रांची जा रहे विमान को डायवर्ट करना पड़ा था. रांची मे मौसम सामान्य होने के बाद विमान वाराणसी से वापस रांची के लिए रवाना हो गया. विमान में 150 यात्रीयों सवार थे.
कानपुर में हादसे के दौरान सहायक लोको पायलट की मौत पर रेलवेकर्मियों ने जमकर हंगामा किया. रोकने पर पुलिस से कहासुनी-झड़प हुई. गुस्साए रेल कर्मचारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी और लखनऊ जा रही स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस रोक दी. ऐसे में पीछे आ रहीं ट्रेनें भी खड़ी करनी पड़ीं. अफसरों ने किसी तरह शांत कराया. लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी 27 वर्षीय दिव्यांशु सहायक लोको पायलट था. उसकी ड्यूटी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के न्यू कानपुर स्टेशन पर थी. गुरुवार सुबह छह बजे ड्यूटी करके वह बाइक से नौबस्ता स्थित क्वार्टर जाने के लिए निकला. प्रयागराज हाईवे पर रूमा और अहिरवां के बीच अज्ञात वाहन ने दिव्यांशु को रौंद दिया.
सूचना मिलते ही एनसीआरएमयू और एनसीआरईएस के पदाधिकारी अस्पताल पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया. विक्रम सिंह ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद पौन घंटे तक दिव्यांशु हाईवे पर तड़पता रहा और देर से अस्पताल लाने की वजह से उसकी मौत हुई है. इसे लेकर रेल कर्मियों का कांशीराम अस्पताल में मौजूद दरोगा व सिपाहियों से बहस हो गया. यहां मामला शांत हुआ तो रेल कर्मचारियों का जत्था सेंट्रल स्टेशन पहुंच गया. सुबह 11.12 बजे सैकड़ों रेलकर्मी प्लेटफार्म नंबर नौ में ट्रैक पर उतर आए. स्वर्ण शताब्दी के सामने खड़े होकर ट्रेन रुकवा दी. रेल अफसरों ने मामला शांत करा 48 मिनट ट्रेन को दोपहर 12 बजे आगे रवाना कराया.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सवाल खड़े किए हैं. बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भष्टाचार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में गुरुवार को कार्यकर्ताओं ने लंका गेट पर प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं चीफ प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि अगर दो दिन के अंदर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच समिति नहीं बनाई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा.
महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने छह पन्ने का आरोप पत्र जारी किया. बिंदुवार 13 मामलों का जिक्र करते हुए कई तरह के आरोप लगाए हैं. बताया कि ट्रॉमा सेंटर और अस्पताल प्रशासन की ओर से 103.82 लाख का टेंडर एक ही परिवार के सदस्यों को अलग-अलग फर्म बनाकर दिया गया. सामानों की खरीदारी भी तीन गुना अधिक रेट पर की गई. इस मामले की सेवानिवृत्त जज से जांच कराई जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस आंदोलन को बाध्य होगी. वहीं इस बारे में ट्रॉमा सेंटर प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सारे आरोप निराधार हैं.