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विद्युत के हटते ही विश्व भारती ने उत्सव का माहौल, आश्रम निवासियों और अध्यापकों ने उपासना गृह में की प्रार्थना

समूचा विश्व भारती रवीन्द्र संगीत के संगीत से भर गया था. पूर्व और वरिष्ठ आश्रमों निवासियों ने यह भी कहा कि शांतिनिकेतन की परंपरा को वापस लाने के लिए आज प्रतीकात्मक पूजा का आयोजन किया गया था.

बोलपुर, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल में विश्व भारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती (Vice Chancellor Vidyut Chakraborty) के रिटायरमेंट होते ही विश्वभारती विश्वविद्यालय परिसर में उत्सव का माहौल कायम हो गया है. गुरुवार सुबह उपासना गृह में जहां आश्रम निवासियों और अध्यापकों तथा छात्र-छात्राओं ने भाग लिया वही कुलपति के कार्यालय को गंगा जल छिड़कर कर उक्त कार्यालय का शुद्धिकरण किया गया. चूंकि इससे पहले तात्कालिक कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के साथ पूर्व और वरिष्ठ आश्रमों के संबंध खराब थे. ऐसा कहा जाता है कि विद्युत चक्रवर्ती व्यावहारिक रूप से विश्वविद्यालय के किसी उत्सव के बाधक बन गये थे. विद्युत चक्रवर्ती के हटते ही समूचे विश्व भारती ने उत्सव और आनंद का माहौल देखा जा रहा है.


आश्रम निवासी उत्सव के मूड में

पूर्व एवं वरिष्ठ आश्रम निवासी उत्सव के मूड में हैं. अबतक जो लोग विधुत चक्रवर्ती के कार्यकाल में किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं लेते थे वे लोग विद्युत चक्रवर्ती के हटते ही गुरुवार की सुबह उपासना गृह में उन लोगो ने वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया और चटीमतला में प्रतीकात्मक पूजा अर्चना की. उन्होंने रवीन्द्र भवन के सामने से पूजा स्थल तक मार्च भी निकाला .समूचा विश्व भारती रवीन्द्र संगीत के संगीत से भर गया था. पूर्व और वरिष्ठ आश्रमों निवासियों ने यह भी कहा कि शांतिनिकेतन की परंपरा को वापस लाने के लिए आज प्रतीकात्मक पूजा का आयोजन किया गया था. पट्टिका (फलक) विवाद के बीच, विश्व भारती में विद्युत चक्रवर्ती का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो गया.

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प्राचार्य प्रोफेसर संजय कुमार मल्लिक को कार्यवाहक कुलपति के रूप में किया गया नियुक्त

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार कला भवन के प्राचार्य प्रोफेसर संजय कुमार मल्लिक को कार्यवाहक कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है. सभी को आशा है की नए कुलपति सभी को साथ लेकर ही विश्व भारती का विकास करेंगे.तथा रविंद्र नाथ टैगोर की परंपरा को कायम करेंगे. विद्युत चक्रवर्ती के हटते ही विद्युत विरोधी’ प्रोफेसरों ने मिठाइयां बांटनी शुरू कर दीं. क्योंकि, विद्युत चक्रवर्ती अपने कुलपति कार्यकाल के दौरान एक के बाद एक विवादों में घिरे रहे थे.आश्रम निवासी एक वर्ग के अनुसार, पूर्व कुलपति ने विश्व भारती को बदनाम करने की कोशिश की थी. परिणामस्वरूप उन्हें लगता है कि विश्व भारती की परंपरा को कमजोर किया गया था. पूर्व एवं वरिष्ठ आश्रमों निवासियों का लक्ष्य है की नए कुलपति उस परंपरा को वापस कायम करेंगे .

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