West Bengal : विश्वभारती की उदासीनता के खिलाफ छात्राओं ने भूख हड़ताल शुरू किया

आरोप है की विश्वभारती की विभिन्न महिला छात्रों द्वारा दायर शिकायतों पर विश्वभारती प्रशासन की निष्क्रियता और उदासीनता अब भी बनी हुई है. मजबूरन आज से पीड़ित छात्राओं ने दूसरी बार भूख हड़ताल शुरू किया है.

By Shinki Singh | October 17, 2023 12:47 PM

बोलपुर, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर स्थित विश्वभारती प्रशासन की उदासीनता और निष्क्रियता के खिलाफ मंगलवार से सुवर्णरेखा मोड़ पर विश्वभारती की पीड़ित करीब सात छात्राओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दिया है. इनके समर्थन में भी कई छात्राएं आगे आई है. आज सुबह से ही छात्राओं ने धरना प्रदर्शन करते हुए दूसरी बार यह भूख हड़ताल शुरू किया है. इससे पहले 25 अगस्त को इन छात्राओं ने विश्व भारती प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था. विश्व भारती की इन छात्राओं में मौजूद मैत्रेई मित्रा एंथ्रोपोलॉजी की पीचडी छात्रा ने प्रभात खबर को बताया की विश्व भारती प्रशासन की उदासीनता के कारण विश्व भारती में छात्राओं के साथ यौन उत्पीडन/कार्यस्थल परिवर्तन/मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न और लिंग/जाति भेदभाव किया जाता रहा है.


पीड़ित छात्राओं ने दूसरी बार भूख हड़ताल शुरू किया

आज इन सभी मुद्दों को लेकर ही हम लोगों ने यह भूख हड़ताल शुरू किया है. आरोप है की विश्वभारती की विभिन्न महिला छात्रों द्वारा दायर शिकायतों पर विश्वभारती प्रशासन की निष्क्रियता और उदासीनता अब भी बनी हुई है. मजबूरन आज से पीड़ित छात्राओं ने दूसरी बार भूख हड़ताल शुरू किया है. विश्व भारती के पास ही सुवर्णरेखा मोड़ पर पर उक्त छात्राओं ने अपना अनशन शुरू किया है. छात्राओं का कहना है की भारत की राष्ट्रपति, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, डब्ल्यूबी महिला आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग ने उनकी शिकायतों पर प्रतिक्रिया दी है और विश्वविद्यालय को कार्रवाई करने के लिए कहा है, फिर भी विश्वविद्यालय उदासीन बना हुआ है. बताया जाता है की विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के पीड़ित छात्राएं विरोध में एकजुट हो गई है.

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शिकायत कमेटी की जांच प्रक्रिया भी सवालों के घेरे में

मुख्य रूप से विश्व भारती के विनय भवन के शिक्षा विभाग, विद्या भवन के मानव विज्ञान विभाग आदि के पीड़ितों ने लंबे समय से कई प्रोफेसरों के खिलाफ शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत की है. लेकिन इन छात्राओं का आरोप है कि विश्व भारती प्रशासन के इन अधिकारियों ने उन प्रोफेसरों के खिलाफ न्यूनतम कार्रवाई नहीं की है. आंतरिक शिकायत कमेटी की जांच प्रक्रिया भी सवालों के घेरे में है. पीड़िताएं इसकी शिकायत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, राज्यपाल और राष्ट्रीय महिला आयोग से कर चुकी हैं और उन्होंने अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हालांकि, पीड़ित छात्राएं आज सुबह से धरने में शामिल हो गई है.लेकिन इसे लेकर विश्व भारती विश्वविद्यालय में कोई हलचल नहीं है. छात्राओं का कहना है की अगर विश्व भारती के अधिकारी इन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते है तो हमलोग बड़े पैमाने पर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. हालांकि इस संबंध में विश्व भारती प्रशासन के अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली मिली है.

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