Vivah Muhurat 2021: जनवरी में सिर्फ एक ही दिन बजेगी शहनाइयां, फिर करना होगा 3 माह तक इंतजार, जानें इस साल कितने है विवाह का शुभ मुहूर्त
Vivah Muhurat 2021: धनु राशि से मकर राशि में सूर्य देव को आने के बाद खरमास खत्म हो गया है. जिससे मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी. लेकिन यह मांगलिक कार्य भी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगी. 18 जनवरी को साल का पहला विवाह मुहूर्त रहेगा. इसके बाद शुभ दिन के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ेगा.
Vivah Muhurat 2021: धनु राशि से मकर राशि में सूर्य देव को आने के बाद खरमास खत्म हो गया है. जिससे मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी. लेकिन यह मांगलिक कार्य भी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगी. 18 जनवरी को साल का पहला विवाह मुहूर्त रहेगा. इसके बाद शुभ दिन के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि 19 जनवरी को देव गुरु अस्त हो जाएंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब देव गुरु अस्त हो जाते है तो उस समय सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.
देव गुरु बृहस्पति 19 जनवरी से लेकर 16 फरवरी तक अस्त रहेंगे. इसके बाद 16 फरवरी को ही शुक्र भी अस्त हो जाएंगे और 17 अप्रैल तक अस्त रहेंगे. देव गुरु बृहस्पति और शुक्र के अस्त होने के कारण कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा. इसलिए 18 जनवरी के बाद लंबे समय तक शादी के लिए इंतजार करना पड़ेगा. इसलिए 18 जनवरी के बाद 22 अप्रैल से शुभ मुहूर्त रहेगा. हालांकि 16 फरवरी को वसंत पंचमी पर अबूझ मुहर्त होने से इस दिन भी विवाह किए जाएंगे.
वसंत पंचमी पर भी नहीं हो पाएंगे विवाह
16 फरवरी को वसंत पंचमी है. इसे भी विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है, लेकिन इस दिन सूर्योदय के साथ ही शुक्र देव भी अस्त हो जाएंगे. इस कारण पंचांगों में इसे विवाह मुहूर्त में नहीं गिना गया है. वहीं, लोक परंपरा के चलते उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में वसंत पंचमी पर विवाह होते हैं.
2021 में सिर्फ 51 है विवाह का शुभ मुहूर्त
इस साल 2021 में विवाह के लिए सिर्फ 51 दिन मिलेंगे. वहीं, साल का पहला मुहूर्त 18 जनवरी को रहेगा. इसके बाद बृहस्पति और शुक्र ग्रह के कारण साल के शुरुआती महीनों में विवाह नहीं हो पाएंगे. क्योंकि मकर संक्रांति के बाद 19 जनवरी से 16 फरवरी तक देव गुरु बृहस्पति अस्त रहेगा. फिर देव गुरु जिस दिन उदय होंगे उसी दिन शुक्र देव अस्त हो जाएंगे. 16 फरवरी से लेकर 17 अप्रैल तक शुक्र अस्त रहेंगे. इस कारण विवाह का दूसरा मुहूर्त 22 अप्रैल को है. इसके बाद देवशयन से पहले यानी 15 जुलाई तक 37 दिन विवाह के मुहूर्त है. वहीं, 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए 13 दिन रहेंगे.
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14 मई को आखातीज का अबूझ मुहूर्त
इस साल शादी का पहला शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल को रहेगा. इसके बाद शादियों का दौर शुरू हो जाएगा, लेकिन 14 मई को साल का सबसे बड़ा मुहूर्त अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त में रहेगा. अक्षय तृतीय स्वयं सिद्ध मुहूर्त के रूप में रहेगा. वहीं 18 जुलाई को भी भड़ली नवमी पर अबूझ मुहूर्त भी बन रहा है. यही नहीं 15 नवंबर को तुलसी एकादशी या देव प्रबोधिनी एकादशी को भी विवाह मुहूर्त रहेगा.
स्वयं सिद्ध होते हैं अबूझ मुहूर्त
ज्योतिष के अनुसार अबूझ मुहूर्त स्वयंसिद्ध होते हैं. इन दिनों में गुरु, शुक्र, सूर्य आदि के दोषों का प्रभाव कम होता है. इसलिए ये दिन विवाह आदि के लिए उपयुक्त माने गए हैं.
18 जनवरी के बाद फिर 20 अप्रैल से शुरू होगी शादियां
जनवरी 18
अप्रैल 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30.
मई 02, 03, 07, 08,12, 13, 17, 20, 21, 22, 24, 26, 27,28, 29, 30
जून 03, 04, 11, 16, 17, 18, 19,20, 22, 23, 25, 26, 27
जुलाई 01, 02, 06, 12, 13, 14, 15, 16
नवंबर 15, 16, 20, 21, 28, 29, 30
दिसंबर 01, 02, 05, 08, 09, 10, 13
मैथिली पंचांग
अप्रैल 16, 23, 25, 26, 30
मई 04, 06, 10, 11, 20, 21, 24, 25, 27, 28
जून 04, 06, 10, 11, 20, 21, 24,25, 27, 28
जुलाई 01, 04, 07,14, 15
नवंबर 19, 21, 22, 24
दिसंबर 01, 02, 05, 08, 09, 10, 13.
Posted by: Radheshyam Kushwaha