The Kashmir Files: इस वजह से बीजेपी नेता से नाराज हुए विवेक अग्निहोत्री, सीएम खट्टर से लगाई गुहार
निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर राजनेताओं से 'रचनात्मक व्यवसाय का सम्मान' करने का अनुरोध किया है.
पिछले शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई ‘द कश्मीर फाइल्स’ बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई कर रही है. कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर ली और रविवार के साथ-साथ सोमवार को भी कलेक्शन बढ़ने की उम्मीद है. टिकट खिड़कियों पर इस दौड़ के बीच हरियाणा में कुछ राजनीतिक हस्तियों ने फिल्म की मुफ्त स्क्रीनिंग की व्यवस्था की है. निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर राजनेताओं से ‘रचनात्मक व्यवसाय का सम्मान’ करने का अनुरोध किया है.
एक पोस्टर को साझा करते हुए, विवेक ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से रेवाड़ी में द कश्मीर फाइल्स की स्क्रीनिंग को रोकने का अनुरोध किया. नि: शुल्क स्क्रीनिंग रविवार शाम को आयोजित होने वाली थी, जो कथित तौर पर पंचनंद नामक एक समूह के जिला प्रमुख द्वारा आयोजित की गई है. पंचनद जिला रेवाड़ी के बीजेपी नेता केशव चौधरी उर्फ बिट्टू ने पोस्टर छपवाया है जिसमें 20 मार्च को शाम 6.30 बजे फिल्म मुफ्त में दिखाई जाएगी.
WARNING:
Showing #TheKashmirFiles like this in open and free is a CRIMINAL OFFENCE. Dear @mlkhattar ji, I’d request you to stop this. Political leaders must respect creative business and true Nationalism and Social service means buying tickets in a legal and peaceful manner. 🙏 pic.twitter.com/b8yGqdrmUh— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 20, 2022
विवेक ने कहा कि फिल्म को खुले में और मुफ्त में दिखाना एक अपराध है. उन्होंने ट्वीट किया, “#TheKashmirFiles को इस तरह मुफ्त में दिखाना एक अपराध है. प्रिय मनोहर लाल खट्टर जी, मैं आपसे इसे रोकने का अनुरोध करता हूं. राजनीतिक नेताओं को रचनात्मक व्यवसाय और सच्चे राष्ट्रवाद और सामाजिक सेवा का सम्मान करना चाहिए, जिसका अर्थ है कानूनी और शांतिपूर्ण तरीके से टिकट खरीदना.”
बता दें कि, द कश्मीर फाइल्स में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार जैसे सितारे हैं. इसे उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, गोवा, हरियाणा, गुजरात और उत्तराखंड सहित कई राज्यों में कर-मुक्त घोषित किया गया है.
गौरतलब है कि, द कश्मीर फाइल्स 1990 में कश्मीरी पंडितों द्वारा कश्मीर विद्रोह के दौरान सहे गए क्रूर कष्टों की सच्ची कहानी बताती है. यह एक सच्ची कहानी है, जो कश्मीरी पंडित समुदाय के कश्मीर नरसंहार की पहली पीढ़ी के पीड़ितों के वीडियो इंटरव्यू पर आधारित है.