‘बॉलीवुड फिर से खराब स्थिति में है’, विवेक अग्निहोत्री ने अपने लेटेस्ट ट्वीट में क्यों कहा ऐसा…
विवेक अग्निहोत्री ने लिखा, 'बॉलीवुड का दोबारा बुरा हाल है. ऐसा लगता है जैसे पूरी इंडस्ट्री उन सितारों को अवास्तविक और अत्यधिक फीस देकर खुश है जो एक ओपनिंग की गारंटी भी नहीं दे सकते. स्टार्स के घमंड और लाइफस्टाइल में सबसे ज्यादा पैसा बर्बाद होता है. क्या गलत हो रहा है?"
फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने अपने लेटेस्ट ट्वीट में शेयर किया कि बॉलीवुड अपने ‘खराब आकार’ में वापस आ गया है. उन्होंने हाल ही में बॉक्स ऑफिस की एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की जिसमें भोला, शहजादा और तू झूठी मैं मक्कार जैसी फिल्मों का हवाला दिया गया, जो शाहरुख खान की पठान की व्यावसायिक सफलता को पछाड़ नहीं पाई. रिपोर्ट पर विचार करते हुए विवेक ने कहा कि यह अभिनेता हैं जिन्हें खराब प्रदर्शन के बावजूद खुशी-खुशी ‘अवास्तविक और अत्यधिक फीस’ दी जाती है.
बॉलीवुड का दोबारा बुरा हाल है
विवेक अग्निहोत्री ने लिखा, ‘बॉलीवुड का दोबारा बुरा हाल है. ऐसा लगता है जैसे पूरी इंडस्ट्री उन सितारों को अवास्तविक और अत्यधिक फीस देकर खुश है जो एक ओपनिंग की गारंटी भी नहीं दे सकते. स्टार्स के घमंड और लाइफस्टाइल में सबसे ज्यादा पैसा बर्बाद होता है. क्या गलत हो रहा है?”
पठान की सफलता को लेकर कही थी ऐसी बात
इससे पहले विवेक अग्निहोत्री ने बेशरम रंग गीत के विवाद के सिलसिले में फिल्म की आलोचना करने के कुछ दिनों बाद पठान की सफलता के लिए शाहरुख खान की प्रशंसा की थी. कश्मीर फाइल्स के निर्देशक ने बहिष्कार कॉल के खिलाफ फिल्म को बचाने के लिए शाहरुख को श्रेय दिया. विवेक अग्निहोत्री ने द कारवाका पोडकास्ट के दौरान कहा था, “शाहरुख के करिश्मे और फैन फॉलोइंग के कारण पठान ने अच्छी कमाई की. जिस तरह से उन्होंने इसकी मार्केटिंग की और जिस तरह से उन्होंने इसे अपने कंधों पर लिया कि ‘यह मेरी फिल्म है और मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं.”‘
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ये नियमित ‘बॉयकॉट बॉलीवुड गैंग’ से अलग लोग हैं
उन्होंने आगे कहा था, “मुझे यह भी लगता है कि कुछ श्रेय उन लोगों को भी जाना चाहिए जो फिल्म के खिलाफ मूर्खतापूर्ण बयान दे रहे थे और जो लोग अनावश्यक रूप से विरोध कर रहे थे और बहिष्कार की मांग कर रहे थे. ये नियमित ‘बॉयकॉट बॉलीवुड गैंग’ से अलग लोग हैं. एक तरह का है जो कई सालों से हमेशा ‘बॉलीवुड का बहिष्कार’ कह रहा है. बाजार में नए खिलाड़ी थे और उन्हें ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं थी. कुछ हिंसक कारक थे जो कह रहे थे कि हम इसे जलाएंगे और उसे जलाएंगे और मुझे लगता है कि इसने भी इसमें योगदान दिया.”