धनबाद में NEP के तहत वोकेशनल शिक्षा पर जोर, केवी वन और मैथन शाखा में इसी सत्र से शुरू होगी बाल वाटिका
एनइपी के तहत केंद्रीय विद्यालय वन व मैथन शाखा में बाल वाटिका की शुरुआत इसी सत्र से की गयी है.नामांकन प्रक्रिया चल रही है. 28 तक नामांकन कर 29 से कक्षा का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. आने वाले सत्र में बाल वाटिका टू भी शुरू होगा.
धनबाद में न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनइपी) के तहत केंद्रीय विद्यालय वन व मैथन शाखा में बाल वाटिका की शुरुआत इसी सत्र से की गयी है. नामांकन प्रक्रिया चल रही है. 28 तक नामांकन कर 29 से कक्षा का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. आने वाले सत्र में बाल वाटिका टू भी शुरू होगा. यहां तीन साल की पढ़ाई के बाद ही पहली कक्षा में नामांकन लिया जायेगा. बाल वाटिका की 25 प्रतिशत सीटों पर आरटीइ के तहत नामांकन होगा. पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही है. यह बातें केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य एम मार्डी ने कही. मौके पर केंद्रीय विद्यालय टू के प्राचार्य मुकेश कुमार सिंह व केंद्रीय विद्यालय मैथन के प्राचार्य नवेंदु परासर मौजूद थे.
क्या-क्या बदलेगा
बाल वाटिका वन में तीन से चार साल, टू में चार से पांच साल और तीसरे में पांच से छह साल तक के बच्चों का नामांकन होना है. कक्षा दूसरी तक की पढ़ाई में पांच साल लगेगा. इसे फाउंडेशन स्टेज कहा गया है. तीन साल के प्रीपेरेटरी स्टेज में कक्षा तीसरी से पांचवीं, तीन साल के मध्य स्टेज में कक्षा छठी से आठवीं और चार साल के माध्यमिक स्तर कक्षा नौवीं से 12वीं की पढ़ाई होनी है. एनइपी-2020 की सिफारिश के अनुरूप सभी केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा वन में प्रवेश की आयु को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से संशोधित कर छह से सात वर्ष कर दिया गया था. इसके अलावा एनसीइआरटी ने विद्या प्रवेश नामक ग्रेड वन के लिए तीन महीने का प्ले आधारित ‘स्कूल तैयारी मॉड्यूल’ विकसित किया है.
बच्चों का कौशल विकास किया जाएगा
व्यावसायिक शिक्षा के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने और बच्चों की स्कूल अवधि के दौरान एक कौशल विकसित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कक्षा आठवीं से सभी केवीएस में एक व्यावसायिक विषय के रूप में शुरू किया गया है. 2022-23 में छठी से आठवीं कक्षा तक के लिए मजेदार पाठ्यक्रम के रूप में प्री-वोकेशनल कौशल जैसे बढ़ई, इलेक्ट्रीशियन, मिट्टी के बर्तन आदि को लिया गया है. बच्चों को उनके इच्छा के अनुसार उससे जोड़ा जाएगा.
बेहतर सीखने का वातावरण
केवीएस अपने छात्रों के लिए एक अनुकूल सीखने का वातावरण बनाने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश कर रहा है. इसमें नई कक्षाओं, प्रयोगशालाओं और पुस्तकालयों का निर्माण, साथ ही ई-बुक और ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म जैसे डिजिटल संसाधनों का प्रावधान शामिल है. उन्होंने कहा कि विद्यालय में निपुन समेत अन्य योजनाओं का भी संचालन किया जा रहा है.
Also Read: डीवीसी के वानिकी मजदूरों की बढ़ी मजदूरी, अब हर माह मिलेगा इतना वेतन