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विधानसभा चुनाव में हिंसा की आशंका से सहमे हैं बैरकपुर शिल्पांचल के लोग, 22 अप्रैल को है वोट

राजनीतिक हिंसा के लिए चर्चा में रहने वाले बैरकपुर शिल्पांचल के लोग चुनाव के दौरान होने वाली हिंसा की आशंका से अभी से सहमे हुए हैं. उन्हें आशंका है कि 22 अप्रैल को छठे चरण में यहां मतदान के दौरान हिंसा हो सकती है.

कोलकाता : बंगाल में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी की है. चौथे चरण के चुनाव में कूचबिहार के शीतलकुची विधानसभा क्षेत्र के माथाभांगा में एक मतदान केंद्र के बाहर भाजपा के एक कार्यकर्ता की हत्या और सीआइएसएफ की फायरिंग में 4 लोगों की मौत को छोड़ देंगे, तो अब तक चुनाव कमोबेश शांतिपूर्ण ही हुए हैं.

बार-बार राजनीतिक हिंसा के लिए चर्चा में रहने वाले बैरकपुर शिल्पांचल के लोग चुनाव के दौरान होने वाली हिंसा की आशंका से अभी से सहमे हुए हैं. उन्हें आशंका है कि 22 अप्रैल को छठे चरण में यहां मतदान के दौरान हिंसा हो सकती है. इसलिए उन्हें अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की चिंता अभी से सताने लगी है.

महानगर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित बैरकपुर शिल्पांचल इलाका के अंतर्गत सात विधानसभा क्षेत्र हैं – आमडांगा, बीजपुर, नैहाटी, भाटपाड़ा, जगदल, नोआपाड़ा और बैरकपुर. यहां छठे चरण के चुनाव के तहत आगामी 22 अप्रैल को मतदान होगा.

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गत लोकसभा चुनाव के समय से यह इलाका हिंसा के लिए सुर्खियों में रहा था. इस बार विधानसभा चुनाव से पूर्व भी बैरकपुर शिल्पांचल इलाके में बढ़ती हिंसा की घटनाओं से स्थानीय लोग सहमे हुए हैं. कभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा, तो कभी बमबाजी, तो कभी गोलीबारी, यहां तक कि शूटआउट, बम मिलने व बम विस्फोट होने जैसी कई घटनाएं भी हुई हैं.

बैरकपुर शिल्पांचल के लोगों का कहना है कि राजनीतिक रंजिश के कारण पिछले दिनों इलाके में बमबाजी हुई थी. कभी किसी गली में बम फेंका गया, तो कभी किसी के गेट पर बमबाजी हुई. पिछले दि नों भाटपाड़ा की दो नंबर गली में बम विस्फोट में दो लोग जख्मी हो गये थे. इससे पहले, कांकीनाड़ा में भी बमबाजी हो चुकी है. ऐसे में स्थानीय लोगों को आशंका है मतदान के दिन हिंसा हो सकती है.

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राजनीतिक हिंसा के लिए भाटपाड़ा ने बटोरी सुर्खियां

विगत 17 मार्च की रात को भाटपाड़ा के 18 नंबर वार्ड में जगदल के मेघना मोड़ के पास 5-6 जगहों पर बमबाजी हुई. इसमें तीन लोग जख्मी हो गये. दहशत का माहौल ऐसा था कि लोग बचने के लिए अपने घरों में चौकी के नीचे छिप गये. इससे पहले भी कई बार बमबाजी की घटनाएं हो चुकी हैं.

अक्तूबर, 2020 में टीटागढ़ में भाजपा नेता मनीष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. फिर 12 दिसंबर, 2020 को हालीशहर के छह नंबर वार्ड में भाजपा कार्यकर्ता सैकत भवाल की कथित तौर पर तृणमूल कार्यकर्ताओं के हमले में मौत हो गयी थी.

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इस वर्ष 22 जनवरी को भाटपाड़ा के केलाबागान जूट मिल लाइन इलाके में कथित तौर पर तृणमूल समर्थकों ने अनूप चौधरी (34) नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

Posted By : Mithilesh Jha

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