Vrat Festival May 2023 List: हिंदू पंचांग के अनुसार मई 2023 का महीना बहुत ही शुभ माना जाता है. हिंदू कैलेंडर में मई के महीने में शुक्ल पक्ष और वैशाख के ज्येष्ठ महीने के लिए कई त्योहार निर्धारित हैं. बुध प्रदोष व्रत से लेकर निर्जला एकादशी तक यह महीना आध्यात्मिक महत्व और श्रद्धा से भरा हुआ है. मई 2023 के पहले दिन सोमवार को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा गया है, जो शेष महीने के लिए अनुकूल है.
अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं में बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख पूर्णिमा, अपरा एकादशी, ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि और वट सावित्री व्रत शामिल हैं. इसके अलावा, मई 2023 में साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा, जो इस महीने की आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है. तिरुपति के एक ज्योतिषी डॉ कृष्ण कुमार भार्गव, इन घटनाओं के महत्व और महत्व के माध्यम से हमारा मार्गदर्शन करते हैं, जिससे आप हिंदू धर्म की समृद्ध परंपराओं को पूरी तरह से गले लगा सकते हैं और उनका जश्न मना सकते हैं.
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01 मई, दिन-सोमवार- मोहिनी एकादशी
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02 मई, दिन-मंगलवार – परशुराम द्वादशी
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03 मई, दिन-बुधवार- बुध प्रदोष व्रत
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04 मई, दिन-गुरुवार – नरसिंह जयंती
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05 मई, दिन-शुक्रवार- बुद्ध पूर्णिमा, साल का पहला चंद्रग्रहण, वैशाख पूर्णिमा
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06 मई, दिन-शनिवार – ज्येष्ठ माह शुरू, कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि
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08 मई, दिन-सोमवार- एकदंत संकष्टी चतुर्थी, ज्येष्ठ संकष्टी चतुर्थी
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12 मई, दिन-शुक्रवार – कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
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15 मई, दिन-सोमवार- अचला या अपरा एकादशी व्रत
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17 मई, दिन-बुधवार- बुध प्रदोष व्रत, ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि
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19 मई, दिन-शुक्रवार – शनि जयंती, वट सावित्री व्रत, ज्येष्ठ अमावस्या, शनि अमावस्या
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20 मई, दिन-शनिवार- ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष
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23 मई से प्रारंभ, दिन-मंगलवार- ज्येष्ठ विनायक चतुर्थी
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25 मई 2023, दिन- गुरुवार – स्कंद षष्ठी व्रत
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29 मई 2023, दिन- सोमवार – महेश नवमी
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30 मई 2023, दिन- मंगलवार – गंगा दशहरा
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31 मई, दिन-बुधवार- भीमसेनी निर्जला एकादशी व्रत
बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध परंपरा में एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे हर साल वैशाख पूर्णिमा के शुभ दिन मनाया जाता है. इस साल 5 मई को भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव मनाया जायेगा. बुद्ध पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी, विष्णु जी के अलावा गौतम बुद्ध की भी पूजा की जाती है.
साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटने वाली है. इससे भी अधिक उल्लेखनीय बात यह है कि यह खगोलीय घटना बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर के साथ मेल खाती है. यह जीवन में एक बार होने वाली घटना है, क्योंकि ऐसा संयोग 130 से अधिक वर्षों में नहीं हुआ है. बुद्ध पूर्णिमा पर लगने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, यानी सूतक काल नहीं रहेगा. ग्रहण रात 8:45 बजे से देर रात 1:00 बजे तक होगा, जो एक अद्भुत खगोलीय प्रदर्शन देखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा.
बता दें कि इस बार 19 मई को वट सावित्री व्रत मनाया जा रहा है, जो इस साल शनि जयंती के दिन ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पड़ रहा है. यह दिन हिंदू परंपरा के अनुसार बरगद के पेड़ और सावित्री की पूजा के लिए समर्पित है. विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं और ऐसा माना जाता है कि यह व्रत विवाहित जोड़े के लिए सौभाग्य और आशीर्वाद लाने में अत्यधिक महत्व रखता है.
गंगा दशहरा हिंदू कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो ज्येष्ठ के महीने में शुक्ल पक्ष के दसवें दिन पड़ता है. इस साल यह पर्व 30 मई को है. इस दिन श्रद्धालु पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं और मां गंगा का आशीर्वाद लेते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से आत्मा की शुद्धि होती है और पाप धुल जाते हैं.