इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 28 अक्टूबर, गुरुवार को रखा जाएगा. यह व्रत करवा चौथ के तीन दिन बाद अष्टमी तिथि में रखा जाता है. इस दिन व्रती महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को तारों को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं. कई जगहों पर महिलाएं यह व्रत भी चांद देखकर तोड़ती हैं. इसके बाद गोवत्स पूजा और रमा एकादशी जैसे त्योहार भी मनाए जाएंगे.
यहां देखें त्योहारों की पूरी लिस्ट
-
26 अक्तूबर (मंगलवार): कार्त्तिक कृष्ण पंचमी प्रात: 8.25 बजे तक उपरांत षष्ठी। स्कंद षष्ठी व्रत। पंचमी तिथि की वृद्धि
-
27 अक्तूबर (बुधवार): कार्त्तिक कृष्ण षष्ठी प्रात: 10.51 बजे तक उपरांत सप्तमी। भद्रा प्रात: 10.51 बजे से रात्रि 11.51 बजे तक
-
28 अक्तूबर (गुरुवार) : कार्त्तिक कृष्ण सप्तमीमध्याह्न 12.50 बजे तक उपरांत अष्टमी। अहोई अष्टमी व्रत (चंद्रोदय व्यापिनी)
-
29 अक्तूबर (शुक्रवार) : कार्त्तिक कृष्ण अष्टमी मध्याह्न 2.10 बजे तक तदनंतर नवमी। राधाष्टमी (मथुरा)। राधाकुंड स्नान
-
30 अक्तूबर (शनिवार) : कार्त्तिक कृष्ण नवमी मध्याह्न 2.44 बजे तक तदनंतर दशमी। श्री गुरु हरकिशन गुरुयायी
-
31 अक्तूबर (रविवार) : कार्त्तिक कृष्ण दशमी मध्याह्न 2.28 बजे तक पश्चात एकादशी
1 नवंबर (सोमवार) : कार्त्तिक कृष्ण एकादशी मध्याह्न 1.22 बजे तक उपरांत द्वादशी. रम्भा एकादशी व्रत सबका. आज आकाश में दीप दान करना चाहिए. गोवत्स पूजा। गोवत्स द्वादशी (प्रदोष व्यापिनी द्वादशी में). नारीकर्त्तक नीरांजन विधि पांच दिन तक. वसु द्वादशी। कौमुदी महोत्सव प्रारम्भ.
Posted By: Shaurya Punj