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मनमाने पैसे नहीं देने पर एंबुलेंस के ड्राईवर ने कोरोना संक्रमित बच्चे का ऑक्सीजन मास्क नोच कर फेंका

कोलकाता में कोविड संक्रमित मरीज के साथ दुर्व्यवहार किया गया है. यहां तक कि उसे अपने वाहन से उतार दिया क्योंकि उस मरीजे के बास पैसे नही थे. दरअसल एक एंबुलेंस चालक ने कोविड-19 से ग्रसित दो बच्चों और उनकी मां को अपने वाहन से कथित तौर पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया क्योंकि वे शहर के दो अस्पतालों के बीच की छह किलोमीटर की दूरी के लिए मांगे जा रहे हद से ज्यादा पैसे नहीं दे सकते थे. हालांकि, लड़कों के पिता ने बताया कि चिकित्सकों के हस्तक्षेप के बाद, चालक 2,000 रुपये पर माना.

By Agency | July 26, 2020 1:18 PM
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कोलकाता: कोलकाता में कोविड संक्रमित मरीज के साथ दुर्व्यवहार किया गया है. यहां तक कि उसे अपने वाहन से उतार दिया क्योंकि उस मरीजे के बास पैसे नही थे. दरअसल एक एंबुलेंस चालक ने कोविड-19 से ग्रसित दो बच्चों और उनकी मां को अपने वाहन से कथित तौर पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया क्योंकि वे शहर के दो अस्पतालों के बीच की छह किलोमीटर की दूरी के लिए मांगे जा रहे हद से ज्यादा पैसे नहीं दे सकते थे. हालांकि, लड़कों के पिता ने बताया कि चिकित्सकों के हस्तक्षेप के बाद, चालक 2,000 रुपये पर माना.

बताया जा रहा है कि दोनों भाई- जिनमें से एक नौ महीने का और दूसरा साढ़े नौ साल का है. उन दोनों का इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (आईसीएच) में इलाज चल रहा था और शुक्रवार को दोनों में कोविड-19 की पुष्टि हुई थी जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें सरकारी अस्पताल में ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाने की कोशिश की. बच्चों के पिता ने आरोप लगाया कि चालक ने उन्हें पार्क सर्कस स्थित आईसीएच से कॉलेज स्ट्रीट इलाके में स्थित कोलकाता मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल ले जाने के लिए 9,200 रुपये मांगे.

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हुगली जिले के रहने वाले इस शख्स ने कहा कि एंबुलेंस चालक ने मेरे बेटों को केएमसीएच ले जाने के लिए 9,200 रुपये मांगे जो इस अस्पताल से महज छह किलोमीटर दूर है. मैंने उसे बताया कि मैं इतना पैसा नहीं दे पाऊंगा और उससे गुहार लगाता रहा लेकिन उसने एक न सुनी. उसने बताया कि उलटे, चालक ने मेरे छोटे बेटे से ऑक्सीजन सपोर्ट हटा लिया और बच्चों एवं उनकी मां को उतरने पर मजबूर किया. शख्स ने कहा कि मैं आईसीएच के डॉक्टरों का शुक्रगुजार हूं. उनकी वजह से मेरे बच्चे बेहतर इलाज के लिए केएमसीएच पहुंच पाए.

Posted By: Pawan Singh

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