हजारीबाग के इस गांव में पानी की घोर किल्लत, दूषित जल पीकर बीमार हो रहे लोग
कुआं का पानी काफी नीचे चला गया है और दूषित भी हो गया है. गांव के लोग अब दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. जानकी रविदास ने कहा कि हरिजन टोला में पेयजल की दूसरी व्यवस्था नहीं रहने के कारण गंदा पानी पीकर लोग बीमार हो रहे हैं.
बरकट्ठा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत झुरझुरी पंचायत के सक्रेज गांव स्थित हरिजन टोला में लगभग 100 महिला, पुरुष और बच्चे रहते हैं. उनके सामने पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. ग्रामीणों के लिए पेयजल का एकमात्र साधन कुआं है. जिसका जलस्तर अप्रैल माह में भीषण गर्मी के कारण काफी नीचे चला गया. टोला में एक सरकारी चापाकल लगा है, जो महीनों से खराब पड़ा है. ग्रामीणों ने स्थानीय अधिकारियों से चापाकल बनवाने की मांग की है. कहा कि इस ओर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया, तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
कौलेश्वर दास ने कहा कि कुआं का पानी काफी नीचे चला गया है और दूषित भी हो गया है. गांव के लोग अब दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. जानकी रविदास ने कहा कि हरिजन टोला में पेयजल की दूसरी व्यवस्था नहीं रहने के कारण गंदा पानी पीकर लोग बीमार हो रहे हैं. दुलारी देवी ने कहा कि कुआं में रातभर जो थोड़ा-बहुत पानी जमा होता है, उसे सुबह लाकर खाना बनाने व पीने में उपयोग करते हैं. कुआं का जलस्तर नीचे होने के कारण पानी दूषित भी हो गया है. लेकिन, मजबूरन उसी पानी का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. परवा देवी ने कहा कि हरिजन टोला का चापाकल लगभग दो माह से खराब पड़ा है. जिसे बनाने के लिए कई बार ब्लाॅक ऑफिस में गुहार लगायी गयी, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसके अलावा टोला में रहनेवाली मुनिया देवी, शंकर दास, चंदर दास, द्वारिका दास, महेंद्र दास समेत अन्य लोगों ने पेयजल समस्या की बात कही.
बादाम चौक के पास सात महीने से चापाकल खराब
बड़कागांव. बादम के मुख्य चौक स्थित प्राथमिक विद्यालय के पास एक चापाकल सात महीने से खराब है. इस कारण विद्यालय के बच्चों, शिक्षकों, आसपास के दुकानदारों व अन्य लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों एवं विभाग को इसकी सूचना दी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला. मुखिया सुनीता देवी ने बताया कि बादम पंचायत में खराब सभी चापाकल की मरम्मत करने के लिए विभाग को रिपोर्ट भेज दी गयी है.
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