पश्चिमी सिंहभूम के इस गांव में नहीं है एक भी चापाकल, दूषित पानी से प्यास बुझा रहे 140 परिवार

खेत में गड्ढा खोदकर अपना प्यास बुझा रहे हैं. दूषित पानी का सेवन करने से आए दिन ग्रामीण बीमार भी हो रहे हैं. ग्रामीणों ने गांव के आसपास डीप बोरिंग करके सोलर जल मीनार लगाने के लिए कई बार सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को आवेदन भी दे चुके हैं. परंतु ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2023 2:25 PM
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पश्चिमी सिंहभूम, (बंदगांव) अनिल तिवारी : झारखंड सरकार घर-घर पानी पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन आज भी सुदूरवर्ती क्षेत्र के लोग गड्ढा खोदकर दूषित पानी से अपना प्यास बुझा रहे हैं. चक्रधरपुर प्रखंड के नलिता पंचायत अंतर्गत बुरुनलिता गांव के कुदापी सपरमगुटु टोला में निवास करने वाले करीब 140 परिवार स्वच्छ पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं. इंसान के साथ-साथ मवेशियों भी सपरमगुटु टोला के समीप बने एक गधे का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. ‌

गांव में नहीं है एक भी चापाकल

ग्रामीणों ने कहा कि गांव में बोरिंग सक्सेसफुल नहीं होने के कारण एक भी चापाकल नहीं है. पिछले कई दशकों से सपरमगुटु टोला के समीप एक खेत में गड्ढा खोदकर अपना प्यास बुझा रहे हैं. दूषित पानी का सेवन करने से आए दिन ग्रामीण बीमार भी हो रहे हैं. ग्रामीणों ने गांव के आसपास डीप बोरिंग करके सोलर जल मीनार लगाने के लिए कई बार सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को आवेदन भी दे चुके हैं. परंतु ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. गांव में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं रहने के कारण ग्रामीण एवं एक किलोमीटर दूरी तय कर उक्त गड्ढे से पानी लाने को मजबूर है.

गांव की समस्या गंभीर है, उपायुक्त से की जाएगी शिकायत

समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई ने कहा कि बुरू नलिता गांव के विभिन्न टोला में रहने वाले सैकड़ों परिवार झरिया नुमा गड्ढा का पानी पीने को विवश हैं. ‌जिससे कई ग्रामीण बीमार भी पड़ रहे हैं. गड्ढा खुली होने के कारण उसी गड्ढे में जानवर भी पानी पी रहे हैं. पानी में दुर्गंध भी है. ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए उपायुक्त से मिलकर शिकायत की जाएगी ताकि समाधान निकल सके.

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