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मैथन जलापूर्ति का पानी चोरी होने से बना जलसंकट, दर्जनों जगह है अवैध कनेक्शन

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के आंकड़ों के अनुसार मैथन से रोजाना 90 एमएलडी पानी छोड़ा जाता है. लेकिन धनबाद तक सिर्फ 53 एमएलडी पानी ही पहुंचता है. मैथन से निरसा, गोविंदपुर के रास्ते मुख्य राइजिंग पाइपलाइन के जरिए पानी धनबाद के भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचता है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 8, 2023 10:33 AM

धनबाद, प्रभात खबर टोली. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के आंकड़ों के अनुसार मैथन से रोजाना 90 एमएलडी पानी छोड़ा जाता है. लेकिन धनबाद तक सिर्फ 53 एमएलडी पानी ही पहुंचता है. मैथन से निरसा, गोविंदपुर के रास्ते मुख्य राइजिंग पाइपलाइन के जरिए पानी धनबाद के भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचता है. पेयजल विभाग के अधिकारियों के अनुसार निरसा से लेकर गोविंदपुर के बीच कई जगहों पर अवैध कनेक्शन है, जिससे रोजाना 35 एमएलडी पानी चोरी हो रही है. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में 53 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) रॉ-वाटर पहुंचता है. प्लांट पहुंचने वाले रॉ-वाटर का ट्रीटमेंट कर उसे पीने योग्य बनाया जाता है. तीन फेज में पानी को स्वच्छ किया जाता है. इसमें करीब तीन एमएलडी पानी बर्बाद हो जाता है. 20 एमएलडी पानी से शहर के 19 जलमीनार के साथ ही गोविंदपुर के एक जलमीनार में पानी सप्लाई किया जा रहा है. शहर की लगभग तीन लाख की आबादी को इससे पानी मिलता है. इसमें वैध व अवैध कनेक्शन शामिल हैं. जलमीनारों से सप्लाई होने वाले पानी में हजारों कनेक्शन अवैध हैं. इसके अलावा जलमीनार से पानी छोड़ने के दौरान मोटर के जरिए शहर के खास लोग भी धड़ल्ले से पानी की चोरी कर रहे हैं. इस पर रोक लगाने की सिर्फ योजना ही बनती रही.

दूर या ऊंची जगहों के घरों में नहीं पहुंचता पानी

चोरी से सबसे ज्यादा जरूरतमंद प्रभावित हैं. खासकर जलमीनार से दूर के घरों में तो पानी पहुंच ही नहीं पा रहा है. दरअसल, जलमीनार से पानी खुलते ही कई लोग मोटर के जरिए पानी खींचने लगते हैं. ऐसे में जलमीनार से दूर घरों में पानी पहुंच ही नहीं पाता. कुछ घरों में 5-10 मिनट के लिए लोगों को पानी मिलता है.

चोरी रोकने के लिए अबतक नहीं बनी फुलप्रूफ योजना

मैथन से धनबाद के बीच हो रही पानी चोरी कोई नयी नहीं है. पिछले कई वर्षों से पानी चोरी का सिलसिला जारी है. इसे रोकने के लिए नगर निगम, पेयजल विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा कोई फुलप्रूफ योजना नहीं बनाये जाने के कारण पानी की चोरी जारी है.

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इन कारणों से हो रही चोरी

निरसा से गोविंदपुर के बीच लोगों को मैथन का पानी नहीं मिल रहा है. इन इलाकों में मैथन का पानी पहुंचाने के लिए दूसरी योजना के तहत कार्य जारी है. हालांकि इस योजना का कार्य अधूरा होने के कारण अबतक लोगों को पानी नहीं मिल पाया है, जबकि निरसा से लेकर गोविंदपुर के कई गांव गंभीर पेयजल संकट से गुजर रहे हैं. निरसा व गोविंदपुर के लोगों का कहना है कि उनका भी मैथन के पानी पर अधिकार है. जगह-जगह पाइपलाइन क्षतिग्रस्त कर दी जाती है.

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