गंडक नदी के बढ़े जलस्तर से आंगनबाड़ी सहित दो दर्जन घरों में घुसा पानी, ऊंचे स्थान पर लोगों ने लिया शरण
पिपरासी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के सरेह तक बाढ़ व बरसात के पानी लग जाने से लगभग 1500 एकड़ धान व गन्ने की फसल जलमग्न हो गई है. किसानों की मानें तो फिलहाल इस पानी से कोई परेशानी नहीं होने वाली है. इससे किसानों को फायदा ही होने वाला है.
गंडक नदी में इस वर्ष के रिकॉर्ड जलस्तर के वृद्धि के फलस्वरूप पश्चिम चंपारण की पिपरासी प्रखंड के खलार क्षेत्रों में बाढ़ का पानी भर गया है. वही तेज गति से बाढ़ का पानी निचले क्षेत्र के गांवों के तरफ बढ़ रहा है. वही प्रखंड के कांटी टोला गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र, पानी टंकी सहित एक दर्जन से अधिक घरों में मंगलवार की देर शाम बाढ़ का पानी घुस गया है. इससे आम जन जीवन प्रभावित हुआ है.
गंडक नदी के जलस्तर में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
गांव के लोग बाढ़ पूर्व तैयारी के तहत पूर्व में निर्माण किए मचान व अन्य ऊंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं. वही ग्रामीणों की मानें तो नेपाल की तराई क्षेत्र के साथ स्थानीय स्तर पर कुछ दिनों से लगातार हो रहे बारिश के कारण गंडक नदी के जलस्तर में इस वर्ष की रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. वही बाढ़ की सूचना पर प्रमुख प्रतिनिधि मंजेश साहनी ने श्रीपतनगर, नया टोला भैसहिया गांव के लोगों से मिलकर उनका हाल जाना. इस दौरान कांटी टोला गांव के लोगों को जल्द सरकारी सहायता पहुंचाने का आश्वासन दिया.
1500 एकड़ फसल जलमग्न
पिपरासी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के सरेह तक बाढ़ व बरसात के पानी लग जाने से लगभग 1500 एकड़ धान व गन्ने की फसल जलमग्न हो गई है. किसानों की मानें तो फिलहाल इस पानी से कोई परेशानी नहीं होने वाली है. इससे किसानों को फायदा ही होने वाला है. लेकिन अगर चार लाख क्यूसेक से ऊपर पानी आता है और लंबे समय तक जलजमाव की स्थित बनी रहती है तो फसलों को नुकसान होगा. वही नियमित अंतराल पर हो रही बारिश से भी किसानों को लाभ ही मिल रहा है.
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बलुआ ठोरी पंचायत से कटा संपर्क मार्ग
गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से बलुआ ठोरी पंचायत संपर्क मार्ग समाप्त हो गया है. लोग विशेष परिस्थिति में नाव से आवागमन कर रहे हैं. बलुआ ठोरी पंचायत के मुखिया संतोष कुशवाहा ने बताया कि पंचायत चारों तरफ से बाढ़ से घिर गया है. लेकिन अभी गांव में बाढ़ की स्थिति नहीं है. वैसे पंचायत के साथ पंचायत के एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए नाव का प्रयोग किया जा रहा है. वही सीओ से सरकारी नाव संचालित कराने की मांग की गई है.
पीपी तटबंध पर निगरानी तेज
बाढ़ व बरसात के मद्देनजर पीपी तटबंध के सुरक्षा का विशेष निगरानी रखी जा रही है. सीओ ललित कुमार सिंह ने बताया कि सिंचाई विभाग के अभियंताओं को सख्त निर्देश दिया गया है कि वे लोग नियमित रूप से पीपी तटबंध की निगरानी करते रहे. रेन कट, रैट होल को चिन्हित कर उसकी मरम्मत करें.