लातेहार : बढ़ते पारा के साथ परेशानी शुरू हो गयी है. लातेहार में भी जलस्तर नीचे चले जाने के कारण पेयजल को लेकर लोग परेशान हैं. शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति के कारण राहत है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में परेशानी बढ़ गयी है. चापाकल भी जवाब देने लगे हैं. नदियां सूखने लगी हैं. चुआंड़ी का पानी पीने पर लोग विवश हैं. रविवार को इस साल का सर्वाधिक तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
लातेहार शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली औरंगा नदी सूखने की कगार पर है. इसी तरह जायत्री, खिखिर, गला और चौपत आदि नदियों का पानी भी सूखने लगा है. लोगों को नदियों में चुआंड़ी खोद कर पानी निकालते एवं दैनिक कार्य करते देखा जा रहा है. इस साल का सबसे अधिक गर्म दिन रविवार रहा. रविवार को अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहा.
लातेहार शहर के तालाब व कुआं का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. कई बार चलाने पर भी चापानल से पानी निकल रहा है. हालांकि शहर में पेजयल एवं आपूर्ति विभाग द्वारा नियमित पेयजल की आपूर्ति किये जाने के कारण लोगों को राहत है. इस प्रचंड गर्मी के कारण मवेशी एवं बेजुबान पशुओं के समक्ष विकट परिस्थति उत्पन्न हो गयी है.
बेतला नेशनल पार्क में जानवरों के लिए वन विभाग द्वारा इस गर्मी में पानी की व्यवस्था की गयी है. विभाग द्वारा कई जगहों पर बनायी गयी सीमेंटेड टंकियों में दिन में दो बार पानी भरा जा रहा है, ताकि जानवरों को परेशानी नहीं हो.