राउरकेला. सुंदरगढ़ जिले के पानपोष और बणई अनुमंडल के अलग-अलग ब्लाॅकों में वर्षों से पेयजल संकट स्थानीय ग्रामीणों के लिये परेशानी का सबब बना हुआ है. इसका समाधान करने के लिये राज्य सरकार ने इन ब्लॉकों में मेगा पाइप जलापूर्ति परियोजना शुरू की है. इसका काम मार्च 2022 में खत्म होना था. लेकिन अब तक कहीं पर 20 फीसदी तो कहीं पर 50 फीसदी ही काम ही पूरा हो पाया है. जिससे पेयजल संकट वाले इन ब्लाॅकों में इस बार भी विगत वर्षों की भांति गर्मी के मौसम में पानी के लिये हाहाकार मचना तय है.
जानकारी के अनुसार कोइड़ा ब्लाॅक के टेनसा पंचायत का बाहाम्बा, पाटमुंडा पंचायत का कदमडीही, कालटा पंचायत का झिरपानी के ग्रामीणों के लिए पाइप से साफ पानी किसी सपने से कम नहीं है. वर्षों से यहां के लोग चापाकल व कुएं के पानी पर ही निर्भर हैं. बिसरा ब्लाॅक के जरइकेला और ओडिशा सीमा पर भालूलता के आसपास के कुछ गांवों में भी यही स्थिति है. कोइ़ड़ा, बिसरा ब्लॉक ही नहीं बल्कि सुंदरगढ़ जिले के कई गांव ऐसे हैं, जिनके लिए पाइप का पानी एक सपना है.
सरकार ने इन गांवों को 24 घंटे स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने का जो सपना दिखाया है, वह कब पूरा होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. सरकार द्वारा जिले में चल रही मेगा पेयजल परियोजनाओं में देरी हो रही है. विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और ठेका संस्थाओं की मनमानी के कारण मेगा पेयजल परियोजनाएं धीमी गति से चल रही हैं.
मार्च 2022 तक पूरा होने वाले प्रोजेक्ट का काम कच्छप गति से चल रहा है. गर्मी से पहले लोगों के घरों में पाइप से पानी पहुंचाने की योजना पूरी तरह फेल हो गयी है. पिछले दो वर्षों में, निर्माण कंपनियों द्वारा किये गये कार्यों का 20 फीसदी और 50 फीसदी काम पूरा हुआ है. बाकी काम कब होगा, इसका जवाब न तो विभागीय अधिकारियों के पास है और ना ही ठेका संस्था के पास.
वोल्टास वाटर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को कुआरमुंडा, नुआगांव, लहुणीपाड़ा, कोइडा और गुरुदिया में काम का ठेका मिला है. जेएमसी प्रोजेक्ट इंडिया प्राइवेट संस्था को बिसरा,बणई, लहुणीपाड़ा व लाठीकटा मेगा वाटर प्रोजेक्ट का ठेका मिला है. वोल्टास ने 19 मार्च, 2020 से अपनी जिम्मेदारी के तहत 5 ब्लॉकों में काम शुरू किया. 31 मार्च 2022 यानी दो साल में काम पूरा करने का अनुबंध हुआ था. लेकिन वोल्टास ने निर्धारित समय में काम केवल 50 फीसदी ही पूरा किया है. बाकी 50 फीसदी काम कब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.