कोलकाता. राज्य विधानसभा में बुधवार से बजट सत्र शुरू हो रहा है. इससे पहले, मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सर्वदलीय बैठक बुलायी थी, जिसमें सिर्फ सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के ही विधायक शामिल हुए. भाजपा विधायकों ने सर्वदलीय बैठक और बिजनेस एडवाइजरी (बीए) कमेटी की बैठक, दोनों का ही बायकॉट किया. भाजपा की मांग है कि जब तक दलबदलू भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती और विधायक कृष्ण कल्याणी को पब्लिक एकाउंट्स कमेटी (पीएसी) के चेयरमैन पद से नहीं हटाया जाता, तब तक भाजपा का बायकॉट जारी रहेगा.
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में फिलहाल तीन पार्टी तृणमूल कांग्रेस, भाजपा व आइएसएफ के सदस्य हैं. इसमें आइएसएफ के एकमात्र विधायक, फिलहाल जेल हिरासत में हैं. इसकी वजह से वह भी इस बैठक में शामिल नहीं हो पाये. ऐसे में सिर्फ सत्ता पक्ष के सदस्यों की उपस्थिति में सत्र के बारे में सभी चर्चाओं को व्यावहारिक रूप से एकतरफा रूप से अंतिम रूप दिया गया. सत्र की शुरुआत बुधवार को दोपहर दो बजे राज्यपाल के अभिभाषण के साथ होगी.
इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि पीएसी अध्यक्ष का चुनाव नियमों के अनुसार ही हुआ है. अध्यक्ष ने एक बार फिर दावा करते हुए कहा कि पीएसी के अध्यक्ष कृष्ण कल्याणी भाजपा के ही विधायक हैं, इसलिए भाजपा की यह मांग जायज नहीं है. वहीं, उन्होंने आइएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर कहा कि किसी विधायक को इतने दिनों तक हिरासत में रखना सही नहीं है.
वहीं, उत्तर बंगाल को अलग राज्य करने की मांग फिर उठ रही है. इसे देखते हुए सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस द्वारा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बंगभंग के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जायेगा. तृणमूल विधायक दल के सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के कई सांसद व विधायक लंबे समय से उत्तर बंगाल को अलग राज्य करने की मांग को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं, पहाड़ पर भी गोरखालैंड को अलग राज्य करने की मांग उठ रही है. इसके अलावा भाजपा पर केएलओ जैसे संगठनों को बढ़ावा देने के आरोप है.
राज्य सरकार इन सभी को बंगाल विभाजन की साजिश के तौर पर देख रही है. बताया जा रहा है कि बजट सत्र में ही उस साजिश के खिलाफ प्रस्ताव लाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, 13 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस द्वारा यह प्रस्ताव पेश करने की योजना है, जिसे राज्य के शहरी विकास व नगरपालिका मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम सदन में पेश करेंगे. हालांकि, भाजपा के प्रवक्ता ने कहा है कि राज्य विधायक दल की बंगाल के विभाजन पर कोई बात नहीं की है, जो विधायक ये मांग कर रहे हैं, वह उनका निजी मामला है.