कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार के इस फैसले से बेहद नाराज हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में ममता बनर्जी ने अपने गुस्से का इजहार किया है और पीएम मोदी से अपील की है कि इस फैसले को केंद्र सरकार वापस ले. अगर ऐसा नहीं होता है, तो तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के फैसले के खिलाफ बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव पारित करेगा.
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) के सीनियर लीडर और लोकसभा सांसद सौगत राय ने शनिवार को यह जानकारी दी. श्री राय ने कहा कि ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर केंद्र सरकार के उस फैसले का विरोध किया है, जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को राज्य की सीमा के भीतर 50 किलोमीटर तक कार्रवाई करने की छूट दी गयी है.
श्री राय ने कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है कि वह अपने आदेश को वापस ले. पहले बीएसएफ को सीमावर्ती राज्यों के भीतर 15 किलोमीटर तक कार्रवाई करने की छूट थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने का फैसला किया है. इसमें कहा गया है कि सीआरपीसी एक्ट के तहत बीएसएफ के जवानों और अधिकारियों को राज्य की 50 किलोमीर की सीमा तक गिरफ्तारी कर सकती है.
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बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के अलावा पंजाब और राजस्थान की सरकारों ने भी केंद्र के इस फैसले का विरोध किया. हालांकि, सबसे मुखर विरोध तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ही कर रही हैं. अब उन्होंने इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. ममता बनर्जी का कहना है कि केंद्र सरकार ने राज्यों से सलाह-मशविरा किये बगैर यह फैसला लिया है, जो एकतरफा फैसला है.
West Bengal CM Mamata Banerjee wrote a letter to PM against the Centre's decision on extending the jurisdiction of BSF from 15km to 50km in the State. We'll table a resolution against it in the Assembly: TMC MP Saugata Roy pic.twitter.com/xOyLs80MzC
— ANI (@ANI) November 13, 2021
ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस इस फैसले को अस्वीकार्य बता रही है. सौगत राय ने कहा है कि राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में केंद्र अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा है. वह इस मुद्दे को संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा और राज्यसभा में उठायेंगे. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को सीमा पर बाड़ लगाने में तेजी दिखानी चाहिए. राज्य सरकार भी इसमें मदद करने के लिए तैयार है.
Posted By: Mithilesh Jha